पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिंदुओं के एक मंदिर पर हमला किया, उसके कुछ हिस्सों में आग लगा दी और मूर्तियों को खंडित किया। पुलिस जब इस भीड़ को रोकने में विफल रही तो हालात को काबू में करने के लिए पाकिस्तान रेंजर्स के जवानों को बुलाया गया। मुस्लिम कट्टरपंथ‍ियों ने इस पूरी घटना को फेसबुक पर लाइव भी किया। घटना के बाद मंदिर को आग के हवाले कर दिया गया।

पुलिस ने बताया कि रहीम यार खान जिले के भोंग शहर में भीड़ ने बुधवार को गणेश मंदिर पर हमला किया। यह स्थान लाहौर से करीब 590 किलोमीटर दूर है और बताया गया कि कथित तौर पर एक मदरसे की बेअदबी की घटना के बाद कुछ लोगों के उकसाने पर भीड़ ने इस वाकये को अंजाम दिया। जिन मूर्तियों को नुकसान पहुंचा है, उनमें भगवान गणेश के साथ भगवान शिव और कई और देवी-देवताओं की मूर्तियां शामिल हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि पिछले हफ्ते आठ वर्षीय हिंदू लड़के ने इलाके के मदरसे के पुस्तकालय में कथित तौर पर पेशाब कर दिया था, जिसके बाद भोंग में तनाव व्याप्त हो गया। इस इलाके में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग दशकों से शांतिपूर्ण तरीके से रहते आए हैं। इस बीच अल्पसंख्यक समुदाय ने पुलिस पर उनकी परेशानी पर ध्यान न देने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से हस्‍तक्षेप की गुहार लगाई है। बता दें कि पाकिस्तान में हिंदू मंंदिर पर हमले का यह कोई पहला मामला नहीं है, पिछले साल दिसंबर में भी हिंसक भीड़ ने खैबर पख्तूनख्वा में एक मंदिर में आग लगा कर उसमें तोड़फोड़ कर दी थी। 

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सांसद डॉ. रमेश कुमार वांकवानी ने बुधवार को, मंदिर पर हमले के वीडियो ट्विटर पर साझा किए और कानून प्रवर्तन एजेंसियों से अनुरोध किया कि वे ‘‘आगजनी और तोड़फोड़’’ को रोकने के लिए जल्द से जल्द घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने इस घटना को लेकर अनेक ट्वीट किए। इनमें उन्होंने कहा, ‘‘ रहीम यार खान जिले के भोंग शहर में एक हिंदू मंदिर पर हमला। कल हालात बहुत तनावपूर्ण थे। स्थानीय पुलिस की शर्मनाक लापरवाही। प्रधान न्यायाधीश से कार्रवाई करने का अनुरोध करता हूं।’’

रहीम यार खान के जिला पुलिस अधिकारी (डीपीओ) असद सरफराज के मुताबिक कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने हालात काबू में कर भीड़ को तितर-बितर कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘रेंजर्स को बुलाया गया और हिंदू मंदिर के इर्द-गिर्द तैनात किया गया।’’ डीपीओ ने बताया कि इलाके में करीब 100 हिंदू परिवार रहते हैं और किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए पुलिस को तैनात किया गया है। इस घटना के संबंध में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी पहली प्राथमिकता कानून-व्यवस्था को बहाल करना और अल्पसंख्यक समुदाय को सुरक्षा प्रदान करना है।’’ एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंदिर को बहुत ही बुरी तरह से क्षतिग्रस्त किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमलावरों के पास डंडे, पत्थर और ईंटे थीं। धार्मिक नारे लगाती भीड़ ने मूर्तियों को तोड़ा। मंदिर के एक हिस्से को जला दिया गया।’’

पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुस्तकालय को कथित तौर पर अपवित्र करने वाले आठ वर्षीय बालक के खिलाफ ईशनिंदा का मामला दर्ज कर पिछले हफ्ते उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। वह नाबालिग है इसलिए उसे बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया। उन्होंने बताया कि बुधवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालकर भोंग के लोगों को इस घटना का बदला लेने के लिए उकसाया गया, जिसके बाद मंदिर के बाहर भीड़ जमा होनी शुरू हो गई और बाद में उसने उस पर हमला कर दिया। सरफराज ने कहा, ‘‘ हम मंदिर पर हमला करने के लिए लोगों को उकसाने वाले उपद्रवियों को गिरफ्तार करेंगे।’’