सज्जाद हुसैन

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में एक 35 वर्षीय हिंदू को व्हाट्सऐप पर कथित तौर पर “ईश निंदा” वाली सामग्री  भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी युवक पर भीड़ ने ने हमला कर दिया था लेकिन समय रहते पुलिस के पहुंचने की वजह से उसकी जान बच गई। बाद में भीड़ ने थाने को भी घेर लिया और अंदर घुसकर युवक को मारने की कोशिश की लेकिन उसे बचा लिया गया।

क्रॉकरी की दुकान चलाने वाले प्रकाश कुमार को बुधवार दक्षिण-पश्चिमी बूलचिस्तान के लासबेला जिले के हब इलाके से गिरफ्तार किया गया। प्रकाश के गिरफ्तार होने के बाद भीड़ ने थाने पर हमला कर दिया। हमले में एक 10 साल के बच्चे की मौत हो गयी और पांच अन्य लोग घायल हो गये जिनमें तीन पुलिसवाले हैं। लासबेला जिले के सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस ज़िया मंदोखेल ने प्रकाश कुमार की गिरफ्तारी की पुष्टि की।

एसएसपी जिया ने बताया, “पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। कथित आपत्तिजनक सामग्री जिस सेल फोन से भेजा गया है उसे भी जब्त कर लिया गया है।” स्थानीय अदालत ने आरोपी प्रकाश को आगे की जांच के लिए जेल भेज दिया है। प्रकाश की दुकान के आसपास के लोगों ने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी दुकान को बंद कराए जाने की मांग कर रहे थे।

पाकिस्तानी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार भीड़ द्वारा थाने के घेराव में लासबेला के डीएसपी मोहम्मद खोसा और दूसरे अधिकारी प्रदर्शनकारियों द्वारा की गयी पत्थरबाजी से जख्मी हो गये।  पाकिस्तानी ईशनिंदा का कानून काफी विवादित रहा है। इस कानून को सैन्य तानाशाह ज़िया-उल-हक़ ने 1980 के दशक में लागू किया था। जिस किसी पर इसके तहत आरोप लगता है वो आसानी से कट्टरपंथियों के निशाने पर आ जाता है।

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के पूर्व गवर्नर सलमान तासिर की ईश निंदा कानून की आलोचना के कारण उनके ही पुलिस गार्ड ने हत्या कर दी थी। पिछले महीने खैबर पख्तूनख्वा में एक विश्वविद्यालय के छात्रों ने कथित ईश निंदा के आरोप में एक अन्य छात्र की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। मानवाधिकार संगठनों के अनुसार पाकिस्तानी ईशनिंदा कानून वहां के अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का जरिया बन चुका है।