भारत की आजादी से एक दिन पहले आज पाकिस्तान अपना स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। जिस तरह से भारत में 15 अगस्त को राष्ट्रवाद का माहौल देखने को मिल जाता है, कुछ वैसा ही हाल पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी रहता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत में जिस तरह से गणतंत्र दिवस मनाया जाता है, कुछ उस अंदाज में पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस रहता है।
पाकिस्तान में 14 अगस्त को क्या होता है?
पाकिस्तान में तो अगस्त महीने के शुरू होते ही बाजार राष्ट्रीय ध्वज से पट जाते हैं। राष्ट्रीय ध्वज के अलावा बैनर, पोस्टर और बैच की भी काफी डिमांड रहती है। इसी वजह से कई तरह के फेयर और मेले भी आयोजित किए जाते हैं।पाकिस्तान क्योंकि एक इस्लामिक राष्ट्र है, ऐसे में नमाज की अहमियत सबसे ज्यादा रहती है। इसी वजह से स्वतंत्रता दिवस के दिन भी पूरे देश भर की मस्जिदों में मुल्क की तरक्की के लिए नमाज पढ़ी जाती है। पाकिस्तान में कुल 6 सार्वजनिक छुट्टी रहती हैं, उनमें से एक स्वतंत्रता दिवस की भी है। वैसे पाकिस्तान जब अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है, उस दिन जिन्ना म्यूजियम यानी कि मजार ए कैद को भी खूब सजाया जाता है। इसके अलावा शाहराह-ए-फैसल, शाहराह-ए-कैदीन जैसी प्रमुख सड़कों पर पाकि्स्तान के झंडे हर जगह लगे रहते हैं।
आजाद होकर भी ‘गुलाम’ ही रह गया पाकिस्तान
31 तोपों की सलामी, ध्वजारोहण कार्यक्रम
इसके अलावा पाकिस्तान के इस्लामाबाद में एक अहम कार्यक्रम भी इसी दिन को लेकर रहता है। सबसे पहले पार्लियामेंट हाउस और प्रेसिडेंट हाउस पर ध्वजारोहण किया जाता है। उसके बाद 31 तोपों की सलामी दी जाती है। वही जो अन्य राज्यों की राजधानी होती हैं, वहां पर 21 तोपों की सलामी इसी दिन दी जाती है।
गणतंत्र दिवस से क्यों हो रही तुलना?
पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस की खास बात यह है कि यहां पर थल सेना, नौसेना और वायु सेना की स्पेशल परेड भी देखने को मिलती है। जिस तरह से गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत में भव्य परेड का आयोजन होता है, पाकिस्तान में 14 अगस्त को वैसा ही माहौल देखने को मिलता है। एक विदेशी अतिथि को भी हर बार आमंत्रित किया जाता है और कई मौकों पर उनके देश की सेना भी परेड का हिस्सा बनती हैं।
इसके ऊपर 14 अगस्त को पाकिस्तान में दोनों राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का देश के नाम संबोधन रहता है। भारत में स्वतंत्रता दिवस पर ही पीएम और राष्ट्रपति दोनों का संबोधन होता है, एक तरफ प्रेसिडेंट 14 अगस्त की रात को देश के नाम संबोधन देती हैं तो वहीं 15 अगस्त की सुबह को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री का भाषण होता है।
