पाकिस्तान में 25 जुलाई को हुए आम चुनावों के बाद हो रही वोटों की गिनती में क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। रुझानों के मुताबिक पीटीआई धीरे-धीरे स्पष्ट बहुमत की ओर कदम बढ़ा रही है। पाकिस्तान के न्यूज चैनल जिओ टीवी के मुताबिक इस वक्त पीटीआई 122 संसदीय सीटों पर आगे चल रही है। पीटीआई का चुनाव चिन्ह बल्ला है। जबकि पीटीआई की मुख्य प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) 60 सीटों पर आगे है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टों की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) 35 सीटों पर आगे चल रही है। अन्य उम्मीदवार 50 सीटों पर आगे चल रहे हैं। पाकिस्तान में 272 संसदीय सीटों के लिए मतदान हुए थे। पाकिस्तान में सरकार बनाने के लिए 137 सीटें चाहिए।

इस लिहाज से पीटीआई सत्ता के करीब पहुंचती नजर आ रही है।  इस बीच पाकिस्तान में आधी रात को जमकर सियासी ड्रामा हुआ। पीएमएलएन ने मतगणना प्रक्रिया पर धांधली का आरोप लगाया है। नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ और पीएमएल-एन की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने मतों की गणना की प्रक्रिया पर आपत्ति जताई है और आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी के एजेंटों को कई निवार्चन क्षेत्रों के मतदान केंद्रों से बाहर किया गया है। कई दलों ने पाकिस्तान चुनाव आयोग पर आरोप लगाया है कि चुनाव के नतीजों में बेवजह देरी की जा रही है।

पीपीपी के मौला बक्स चंदियों ने भी दावा किया है कि उनकी पार्टी के एजेंटों को बादिन में मतदान केंद्रों के अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। पाकिस्तान के चुनाव आयोग को सफाई देने के चार बजे सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ी। पाकिस्तान चुनाव आयोग (ECP) ने कहा कि तकनीकी कारणों की वजह से चुनाव की नतीजों की घोषणा नहीं हो पा रही है। मुख्य चुनाव आयुक्त मुहम्मद रजा खान ने कहा कि रिजल्ट ट्रांसमिशन सिस्टम नया था और इसका इस्तेमाल पहली बार किया गया था, इसलिए कुछ देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान चुनाव आयोग ये साबित करेगा कि उसने सही काम किया है।

कराची में जश्न मनाते PTI के कार्यकर्ता (फोटो-रायटर्स)

बता दें कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य होते हैं जिनमें से 272 को सीधे तौर पर चुना जाता है जबकि शेष 60 सीटें महिलाओं और 10 सीटें धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं। आम चुनावों में पांच फीसदी से ज्यादा वोट पाने वाली पार्टियां इन आरक्षित सीटों पर समानुपातिक प्रतिनिधित्व के हिसाब से अपने प्रतिनिधि भेज सकती हैं। अगर पाकिस्तान में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है तो  35 सीटों पर आगे चल रही पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है।

पाकिस्तान के चार राज्यों पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान और खैबर-पख्तूनख्वा की 577 जनरल सीटों के लिए चुनाव हुए हैं। पंजाब में पीएमएल-एन और पीटीआई के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है जहां दोनों क्रमश  106 और 96 सीटों पर आगे चल रहे है । सिंध असेंबली में 131 सीटों पर चुनाव हुए हैं। अबतक मिले रुझान के मुताबिक पीपीपी अपने गढ़ में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभर रही है जहां वह 60 सीटों पर आगे चल रही है। पीटीआई 14 सीटों पर आगे है। वहीं खैबर पख्तूनख्वा में पीटीआई 99 असेंबली सीटों में से 18 सीट पर आगे चल रही है जबकि आवामी नेशनल पार्टी छह सीटों पर आगे है। ब्लूचिस्तान से मिले रुझानों के मुताबिक यहां भी इमरान खान की पार्टी आगे चल रही है।

पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी के नेशनल असेंबली की सीटों पर आयी शुरूआती रूझानों के मुताबिक, मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के कराची का किला ढहने के संकेत मिल रहे हैं। कराची एमक्यूएम का 1980 के दशक के अंतिम सालों से गढ़ रहा है। यह पार्टी कराची उर्दू भाषी आवाम का नुमांइदगी करने का दावा करती है। अभी तक आयी शहर की 21 सीटों में से पार्टी सिर्फ छह पर आगे चल रही है।रूझानों के मुताबिक , एमक्यूएम और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) छह – छह सीटों पर आगे चल रही है जबकि इमरान खान नीत पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने चार सीटों पर बढ़त बनाई है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज एक सीट पर जबकि पाकिस्तान सरजमीं पार्टी दो सीटों पर आगे चील रही हैं।

(एजेंसी इनपुट्स के साथ)