पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भारत के साथ संबंधों पर कहा कि ताली एक हाथ से नहीं बजती। पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा है कि भारत के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आपसी इच्छाशक्ति की जरूरत है। डार ने पत्रकारों से बात करते हुए पिछले साल पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सरकार के सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान के कूटनीतिक प्रयासों पर प्रकाश डाला।
जब विदेश मंत्री इशाक डार से भारत के साथ पाकिस्तान के संबंधों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने दोनों तरफ से प्रयास किये जाने के महत्व पर जोर दिया और कहा कि ताली दोनों हाथों से बजती है। डार ने अगले महीने बांग्लादेश की यात्रा की योजना की भी घोषणा की और कहा कि अगस्त में हसीना सरकार के अपदस्थ होने के बाद इस्लामाबाद और ढाका के संबंधों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि हाल में काहिरा में एक बैठक के दौरान उन्हें बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से निमंत्रण मिला था। पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘बांग्लादेश एक बिछड़े हुए भाई की तरह है। हमारा लक्ष्य आर्थिक और व्यापारिक सहयोग को मजबूत करना है।’’
पड़ोसियों के साथ जुड़ने की कोशिश- पाकिस्तानी विदेश मंत्री
इससे पहले, डार ने देश के अलग-थलग पड़ने के दावों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘जब हमने सत्ता संभाली थी, तो कूटनीतिक अलगाव की धारणा थी। हालांकि, अपनी कूटनीतिक पहुंच का विस्तार करने और क्षेत्रीय पड़ोसियों के साथ जुड़ने से यह धारणा बदल गई है।’’
अफगानिस्तान पर टिप्पणी करते हुए डार ने काबुल के साथ संबंधों को मजबूत करने संबंधी पाकिस्तान की इच्छा व्यक्त की और साथ ही स्वीकार किया कि आतंकवाद एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। उन्होंने खुलासा किया कि आतंकवादी हमलों के कारण काबुल की प्रस्तावित यात्राएं स्थगित कर दी गईं।
ग्वादर बंदरगाह चीन के सहयोग से बनाया गया- इशाक डार
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ बातचीत करने के लिए पूर्व खुफिया प्रमुख जनरल फैज हमीद की भी आलोचना की। डार ने पाकिस्तान के परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में प्रगति पर प्रकाश डाला और चश्मा 5 (C-5) परमाणु ऊर्जा परियोजना शुरू करने की घोषणा की, जिसे K2 और K3 परियोजनाओं को पूरा करने के बाद 2023 में चीन के साथ अंतिम रूप दिया जायेगा।
विदेश कार्यालय की निवर्तमान प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने ग्वादर बंदरगाह के सैन्य इस्तेमाल की अफवाहों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि ग्वादर बंदरगाह पाकिस्तान के विकास के लिए है और इसे चीन के सहयोग से बनाया गया है। पढ़ें- कर्ज में डूबे पाकिस्तान का बड़ा फैसला, तिजोरी खाली होते देख सैनिकों को लेकर उठाया ये कदम
(इनपुट-पीटीआई/भाषा)