Pakistan Flood: पाकिस्तान में बाढ़ और बारिश से हाहाकार मचा हुआ है। देश में बाढ़-बारिश के चलते करीब 1000 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। वहीं, पाकिस्तान सरकार ने इस बिगड़े हालात को देखते हुए नेशनल इमरजेंसी घोषित कर दी है।

पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाक में बाढ़ और भारी बारिश के चलते 1003 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 348 बच्चे शामिल हैं। इस भयानक बाढ़ से पाकिस्तान में 3 करोड़ लोग बेघर हो चुके हैं। नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के मुताबिक, देश में 14 जून के बाद से सबसे ज्यादा मौत सिंध प्रांत में हुई है।

पाकिस्तान के सिंध, कराची, पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान प्रांत में हालात गंभीर बने हुए हैं। हालात को देखते हुए पाकिस्तान रेलवे ने कई स्थानों पर सेवाएं निलंबित कर दी हैं। इस बीच प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और लोगों से मुलाकात की।

नेशनल इमरजेंसी घोषित: भारी बारिश के चलते 6 डैम टूट गए। जिसके चलते कई लाख घर पूरी तरह से तबाह हो गए और 7 लाख से ज्यादा मवेशियों की भी जान चली गई। पाकिस्तान के 110 जिलों में हाई अलर्ट जारी किया गया है। 26 अगस्त को सरकार ने बिगड़ते हालात को देखते हुए नेशनल इमरजेंसी घोषित की थी। पाकिस्तान आर्मी और लोकल एडमिनिस्ट्रेशन बचाव कार्य में लगे हुए हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है।

तीन करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित: पाकिस्तानी चैनल जियो न्यूज के मुताबिक, 14 जून के बाद भारी बारिश के चलते आई बाढ़ से अब तक 1,033 लोगों की जान चली गई है। मरने वालों में 207 महिलाएं और 348 बच्चे भी शामिल हैं। पिछले 24 घंटे में 119 लोगों की मौत हुई और 71 लोग घायल हुए। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि अचानक आई बाढ़ और बारिश के कारण तीन करोड़ तीस लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।

6 लाख से ज्यादा घर क्षतिग्रस्त: शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया कि संबंधित प्रांतीय सरकारों द्वारा सेना मुख्यालय के साथ सलाह करके सैनिकों की संख्या और तैनाती के क्षेत्र पर निर्णय लिया जाएगा। बाढ़ से देश की अवसंरचना बुरी तरह प्रभावित हुई है और एनडीएमए के अनुसार, 3,161 किलोमीटर सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, 149 पुल बह गए और 6,82,139 घर आंशिक रूप से या पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। अप्रत्याशित मानसूनी बारिश की वजह से आई बाढ़ के कारण देश का लगभग आधा हिस्सा डूब गया है और 110 जिलों में 57 लाख से ज्यादा लोग बिना आश्रय और भोजन के रह रहे हैं।