पाकिस्तान ने रविवार (25 सितंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दावे को खारिज कर दिया कि वह आतंकवाद का निर्यात कर रहा है। पाकिस्तान ने कहा कि ये बयान कश्मीर से ध्यान हटाने के लिए भलीभांति सोचे-समझे निंदा अभियान का हिस्सा हैं। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल में एक जनसभा में पाकिस्तान को बदनाम करने की कोशिश की। विदेश कार्यालय ने कहा, ‘दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारतीय नेतृत्व भड़काऊ बयान देकर और बेबुनियाद आरोप लगाकर पाकिस्तान के खिलाफ भलीभांति सोचा-समझा निंदा अभियान चला रहा है। सर्वोच्च राजनीतिक स्तर पर इस तरह से बर्ताव का गैरजिम्मेदाराना प्रदर्शन खेदजनक है।’
बयान में आरोप लगाया गया, ‘यह जाहिर है कि भारत हताशा में दुनिया का ध्यान कश्मीर में बेगुनाह और असहाय बच्चों, महिलाओं समेत कश्मीरियों के खिलाफ अपने बलों द्वारा किए जा रहे अत्याचारों से हटाने की कोशिश कर रहा है।’ कश्मीर में मारे गए हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के संदर्भ में विदेश कार्यालय ने कहा कि ‘कश्मीरी युवा नेता बुरहान वानी की इस साल जुलाई में न्याय से इतर हत्या के बाद से कश्मीर में अत्याचार बढ़े हैं।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले रविवार (18 सितंबर) को हुए उरी आतंकी हमले के बाद शनिवार (24 सितंबर) को पहली बार किसी सार्वजनिक भाषण में पाकिस्तान पर तीखा हमला किया था जिसके बाद रविवार को पाकिस्तान की प्रतिक्रिया आई है। मोदी ने कहा था कि 18 जवानों की कुर्बानी बेकार नहीं जाएगी और पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। मोदी ने भाजपा की राष्ट्रीय परिषद के अधिवेशन से इतर कोझिकोड में आयोजित जनसभा में कहा, ‘आतंकवादियों को साफ साफ सुन लेना चाहिए कि भारत उरी हमले को कभी नहीं भूलेगा। मैं पाकिस्तान के हुक्मरान को बता देना चाहता हूं कि हमारे 18 जवानों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा।’
उन्होंने कहा कि एशिया के देश जहां 21वीं सदी को इस महाद्वीप की बनाने के लिए काम कर रहे हैं, वहीं पाकिस्तान आतंकवाद फैलाकर और बेगुनाहों को मारकर एशिया में खूनखराबे की साजिश में लगा है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के बयान में आरोप लगाया गया, ‘पिछले 75 दिन में भारत के नियंत्रण वाले बलों ने 100 से अधिक कश्मीरियों को जघन्य तरीके से मार दिया, सैकड़ों लोगों को दृष्टिहीन कर दिया और हजारों लोगों को घायल कर दिया।’
विदेश कार्यालय ने दावा किया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इन कथित ‘मानवाधिकार उल्लंघनों’ का संज्ञान लिया है और संयुक्त राष्ट्र तथा इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) के साथ ही कई देशों ने इस पर चिंता जताई है। उसने भारत पर सरकारी तंत्र के माध्यम से पाकिस्तान में आतंकवाद को प्रायोजित करते रहने का आरोप भी मढ़ दिया। बयान में कहा गया, ‘भारतीय नौसेना के अधिकारी और खुफिया अफसर कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी और उनके इकबालिया बयानों से यह बात संदेह से परे जाहिर हो गई है कि भारत बलूचिस्तान और फाटा समेत पाकिस्तान के कई हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को हवा देता है।’