Blasphemy law in Pakistan: पाकिस्तान के हैदराबाद प्रान्त में एक हिंदू सफाई कर्मी पर कुरान की कथित अपवित्रता को लेकर एक फर्जी ईशनिंदा का मामला दर्ज किया गया था। कथित तौर पर एक स्थानीय निवासी ने पाकिस्तान के हैदराबाद में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के सफाई कर्मचारी के साथ विवाद के बाद शिकायत दर्ज कराई थी। आरोपित व्यक्ति का नाम अशोक कुमार है और जैसे ही लोगों को घटना के बारे में पता चला, लोग तुरंत उसे पकड़ने के लिए अपार्टमेंट के पास इकट्ठा हो गए। पुलिस ने बाद में भीड़ को तितर-बितर किया।
मुबाशीर जैदी ने एक ट्वीट करते हुए लिखा, “हैदराबाद पुलिस ने एक हिंसक भीड़ को तितर-बितर कर दिया, जो एक हिंदू सफाई कर्मचारी को ईशनिंदा का आरोप लगाते हुए सौंपने की मांग कर रही थी।” अशोक कुमार को कथित तौर पर हैदराबाद के सदर में राबिया केंद्र में रखा गया था।
पाकिस्तानी पत्रकार और स्तंभकार नैला इनायत ने ट्वीट करते हुए बताया, “हिंदू सफाई कर्मचारी अशोक कुमार पर हैदराबाद में कुरान के कथित अपमान को लेकर ईशनिंदा के 295बी के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह आरोप एक दुकानदार बिलाल अब्बासी के साथ विवाद के बाद आया, जिन्होंने अशोक कुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इससे पहले हिंदू व्यक्ति को पकड़ने के लिए एक आरोपित भीड़ अपार्टमेंट की इमारत के आसपास जमा हो गई। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर किया और पीड़ित को गिरफ्तार कर लिया।”
उत्तेजित भीड़ ईशनिंदा के आरोपों पर हिंदू सफाई कर्मी पर हमला करना चाहती थी। समाचार एजेंसी एएनआई ने स्थानीय मीडिया का हवाला देते हुए बताया कि यह वास्तव में एक मुस्लिम महिला थी, जिसने मुसलमानों के पवित्र पुस्तक को जलाया था। सोशल मीडिया यूजर्स ने भी हिंसक भीड़ को तेजी से तितर-बितर करने के लिए हैदराबाद पुलिस की सराहना की।
पाकिस्तान में एक कठोर ईशनिंदा कानून है और कई लोगों को केवल आरोप पर मौत के घाट उतार दिया गया है। दिसंबर 2021 में ईशनिंदा के आरोपों को लेकर पाकिस्तान में एक श्रीलंकाई कारखाने के मैनेजर को भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला था और आग लगा दी। इस हमले से आक्रोश फैल गया था तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसे “पाकिस्तान के लिए शर्म का दिन” करार दिया था।
