Pakistan General Elections Results 2018: पाकिस्तान के आम चुनाव में इमरान खान की पार्टी पीटीआई को जोरदार कामयाबी मिली है। इमरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने वाले हैं। लेकिन एक वक्त ऐसा था जब सियासत की राह में उनका सफर बेहद कठिन था। इमरान खान 1997 से पाकिस्तान का आम चुनाव लड़ रहे हैं। कई चुनाव हारने और लंबे संघर्ष के बाद उन्हें ये कामयाबी नसीब हुई है। साल 2002 में हुआ पाकिस्तान का आम चुनाव इमरान खान की जिंदगी में बेहद अहम रहा। इस सियासी कॉम्पीटिशन में उनकी पार्टी को हार तो मिली ही उनकी निजी जिंदगी भी तहस नहस हो गई। इन चुनाव नतीजों के बाद ही जेमिमा गोल्डस्मिथ उन्हें पाकिस्तान में छोड़कर लंदन चली गईं। इसके कुछ ही महीनों के बाद दोनों के बीच तलाक हो गया। इमरान खान ने 1996 में पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ की स्थापना की थी। इससे पहले 16 मई 1995 को उन्होंने ब्रिटेन की अरबपति बाप की बेटी जेमिमा गोल्ड स्मिथ से निकाह किया था। 1997 में पाकिस्तान के आम चुनाव में पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ ने शिरकत किया लेकिन उन्हें करारी हार मिली।
इसके बाद 2002 में पाकिस्तान में आम चुनाव आया। इस बार इमरान खान अपनी को लेकर बेहद संजीदा थे। वे हर हाल में जीतना चाहते थे। खुद इमरान खान कहते हैं, “नंबर दो को कोई याद नहीं रखता है, आपको अपने विरोधी को कुचलना पड़ता है…।” चुनाव में कामयाबी सुनिश्चित करने के लिए इमरान खान ने पाकिस्तान का लंबा दौरा किया। चुनाव में व्यस्तता की वजह से वे जेमिमा को कम वक्त दे पाते थे। जानी-मानी एंकर सिमी ग्रेवाल के साथ एक पुराने इंटरव्यू में इमरान कहते हैं, “मैंने अस्पताल खोला, राजनीतिक पार्टी लॉंच की, और एक दूसरी संस्कृति की लड़की से मेरी शादी हुई थी, जहां से मुझे ज्यादा वक्त देना था, ये काफी मुश्किल हो गया।”
इमरान कहते हैं कि अगर जेमिमा पाकिस्तानी महिला होती तो इतनी मुश्किल नहीं हुई होती। उसे फैमिली, फ्रेंड, और घर मिलता। इमरान कहते हैं कि उन्होंने मान लिया था कि राजनीति के एंट्री के बाद भी वे पत्नी जेमिमा के साथ मिलकर काम करेंगे, लेकिन बकौल इमरान तब की पाकिस्तानी पार्टियों ने उनकी पत्नी पर हमला किया और उनकी शादी यूहदी षड़यंत्र का हिस्सा बताया। इस हमले के बाद उन्हें राजनीतिक कार्यों से अपनी पत्नी को अलग करना पड़ा। इमरान कहते हैं, “इसके बाद मेरे और जेमिमा के रास्ते अलग होने लगे, ये बुनियादी गलती थी, हमारे रिश्ते में दूरी आने लगी, वो हमसे संपर्क नहीं कर पाती थी, उस समय पाकिस्तान में फोन नहीं थे, मैं ग्रामीण इलाकों में रहता था।”
इमरान कहते हैं कि जेमिमा जानती थी कि वो शादी किससे कर रही है। वो जानती थी कि वे सपने देखते हैं, अपने मुल्क के लिए।” इमरान के मुताबिक ऐसे हालत में इग्लैंड चले जाना और वहां बिना किसी काम के रहना उनके लिए संभव नहीं था। इमरान बताते हैं कि इसकी कोई गारंटी नहीं कि अगर वो एक अंग्रेज से शादी करती तो जरूरी नहीं कि तलाक नहीं होता, क्योंकि जिंदगी में कोई गारंटी नहीं होती है। इमरान कहते हैं कि उन्हें दुख है कि वे अपनी शादी-शुदा जिंदगी को ज्यादा वक्त नहीं दे सके। जेमिमा से रिश्ते टूटने की घटना बताते हुए वे कहते हैं, “2002 के चुनाव में हम बुरी तरह से हारे…इसके बाद उसने उम्मीद छोड़ दिया, उसने सोचा कि ये कभी ना खत्म होने वाला संघर्ष है…मैं कहीं नहीं जा पाऊंगा…मुशर्रफ की पार्टी ने इस चुनाव में भी जेमिमा पर हमला किया…5 सप्ताह से मैं मुल्क के दौरे पर था…जब मैं लौटा तो उसका दिल टूट चुका था…उसने उम्मीद छोड़ दी थी।” बता दें कि इस चुनाव में इस चुनाव में इमरान खान पहली बार सांसद बने, लेकिन उनकी पार्टी को हार मिली। इसके बाद उसने लंदन जाने का फैसला कर लिया। इमरान बताते हैं कि जेमिमा कभी-कभी उन्हें कहा करती थी कि उन्हें सियासत छोड़कर एक सामान्य जीवन जीना चाहिए। लेकिन मेरे लिए ये संभव नहीं था।