पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में आम चुनाव के नतीजे आए कई दिन बीत गए है, जिसमें किसी भी राजनीतिक दल को बहुमत नहीं मिल सका है। जोड़ तोड़ के जरिए सरकार बनाने की कोशिशें तो हो रही हैं लेकिन अभी तक कोई आम सहमति नहीं बन सकी है। सरकार बनना तो दूर की बात रही, मुख्य विवाद तो चुनावी प्रक्रिया में झोल को लेकर खड़ा हो गया है। इस बीच एक चुनाव अधिकारी ने खुद कबूल कर लिया कि उसने दबाव में धांधली की थी। अपना अपराध स्वीकार करते हुए उसने शनिवार को पद से इस्तीफा तक दे दिया है। इसके चलते पाकिस्तान की दुनिया में भद्द पिट गई है। इस बीच अब खबरें हैं कि चुनावों को अमान्य भी घोषित किया जा सकता है।
दरअसल पाकिस्तान के रावलपिंडी के आयुक्त लियाकत अली चट्टा ने अपने इस्तीफे के ऐलान के साथ ही चुनाव में हुई धांधली को स्वीकार किया है। इसके चलते यह मांग उठी है कि नतीजों की तुरंत ही जांच की जाए। अटकलें यह भी हैं कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव नतीजों तक को रद्द करने का फैसला सुना सकती है क्योंकि यह पाकिस्तान का अब तक का सबसे विवादित चुनाव बनता जा रहा है। चट्ठा ने स्वीकार किया था कि रावलपिंडी के 6 जिलों में 1 नेशनल असेंबली निर्वाचन क्षेत्रों के परिणामों को बदलकर धांधली की थी। उन्होंने पुलिस के सामने सरेंडर भी कर दिया है। बता दें कि पिछले दस दिनों में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों द्वारा धांधली के आरोप लगे हैं और चुनाव अधिकारी की स्वीकार्यता ने इन आरोपों को बल दे दिया है।
पाकिस्तान चुनाव में हुई इस धांधली को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई है। इसमें मांग की गई है कि 8 फरवरी को घोषित हुए चुनाव नतीजों को अमान्य करार दिया जाए। साथ ही 30 दिनों के अंदर कोर्ट अपने पर्यवेक्षण और निगरानी में एक बार फिर देश में चुनाव कराए जाएं। इसके अलावा इस याचिका पर नतीजा आने तक किसी भी प्रकार के सरकार गठन के प्रयासों पर रोक लगाने की भी मांग की गई है। इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई होनी है, जिसमे कोई अहम फैसला भी लिया जा सकता है।
चुनाव आयोग ने बिठाई हाई लेलव जांच
चुनावों में हुई इस धांधली को लेकर निर्वाचन आयोग ने एक शीर्ष प्रशानिक अधिकारी की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की है। इसमें कहा गया था कि जेल में बंद पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी के साथ रावलपिंडी में चुनाव न्यायपालिका और निर्वाचन आयोग की शह पर धांधली हुई थी। निर्वाचन आयोग ने अपने ही अधिकारी के आरोपों को सीधे तौर पर खारिज किया है और आरोपों की जांच के लिए एक हाई लेवल कमिटी गठिनत की है।
इमरान समर्थकों का प्रशासन से पंगा
दूसरी ओर पाकिस्तान के पूर्व पीएम और जेल में बंद इमरान खान की पार्टी के समर्थक राष्ट्रीय स्तर पर चुनावी धांधली के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। द डॉन की रिपोर्ट के अनुसा लाहौर में पीटीआई के समर्थक अपना विरोध दर्ज कराने के लिए शनिवार को प्रेस क्लब और पार्टी के जेल रोड कार्यालय के बाहर इकट्ठे हो गए थे। उन्होंने धांधली को लेकर खूब नारेबादी की। एनए-128 से पीटीआई समर्थित उम्मीदवार सलमान अकरम राजा को इस विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार कर के रेसकोर्स पुलिस स्टेशन ले जाया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था।
सबसे बड़ा चुनावी फ्रॉड
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों के खिलाफ धांधली के खूब आरोप लगे हैं। इसको लेकर उन्होंने दावा किया था कि यह अब तक का सबसे बड़ा चुनावी फ्रॉड है। बता दें कि एक पाकिस्तान में आर्थिक स्थिति पहले ही खराब है। ऐसे में पर्दे के पीछे से भी राजनेताओं के बीच सरकार के गठन को लेकर बातचीत नहीं हो पा रही है और अभी तक पाकिस्तान में आम सहमति नहीं बनती दिख रही है। दूसरी ओर इमरान खान के समर्थकों से लेकर उनके करीबियों तक पर दबाव बनाया जा रहा है जो कि यह भी संकेत दे रहा है कि पाकिस्तान में एक बार फिर मार्शल लॉ लागू हो सकता है।