पाकिस्तान अपनी खस्ताहाल माली हालत के चलते पहले ही मुश्किलों का सामना कर रहा था लेकिन आम चुनाव में धांधली के विवाद ने उसकी वैश्विक स्तर पर एक बार फिर भद्द पिटा दी है। चुनाव के नतीजे आए दस दिन से ज्यादा का समय हो गया है लेकिन सरकार गठन के अब तक दूर-दूर तक कोई संकेत नहीं है। इस बीच चुनावी धांधली का विवाद एक नई परेशानी खड़ी कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट में जहां फिर से चुनाव कराने की मांग की गई है तो दूसरी ओर अचानक ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स को 24 घंटे के लिए ठप कर दिया गया है। इसके चलते सवाल उठ रहे हैं कि क्या पाकिस्तान में कुछ बड़ा होने वाला है। अहम बात यह है कि इस सवाल के केंद्र में पाकिस्तानी सेना ही है।
पाकिस्तान में नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज बिलावल भुट्टों की पार्टी पीपीपी के साथ सरकार बनाने की जुगत में है लेकिन निर्दलीय के तौर पर जीते इमरान खान के समर्थक लगातार विपक्ष में बैठने का दावा कर रहे हैं। यह भी दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ के साथ सेना कोई डील कर ली है। वहीं सबसे बड़ा बवाल रावलपिंडी के चुनाव अधिकारी लियाकत अली चट्ठा के खुलासों ने मचा दिया है। उन्होंने चुनाव में की गई धांधली को स्वीकारते हुए इस्तीफा दे दिया जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया है।
चट्ठा ने कहा कि 8 फरवरी को आम चुनाव के नतीजों में उनकी निगरानी में हेरफेर हुआ था। उन्होंने दावा किया था कि 70-80 हजार वोटों से कई निर्दलीय प्रत्याशी आगे चल रहे थे लेकिन उन्हें धांधली के जरिए हरा दिया गया था। उन्होंने कहा कि वह इसके लिए जिम्मेदार हैं और उन्हें दंडित भी किया जाना चाहिए। चुनाव अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद उनके खिलाफ एक्शन लिया जा रहा है लेकिन दूसरी ओर पाकिस्तान में बंदिशें भी लगा दी गई हैं जो कि सेना के बढ़ते दखल का संकेत दे रही हैं।
इंटरनेट पर बंदिशें
पाकिस्तानी मीडिया डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक अचानक देर रात 24 घंटे के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा इंटरनेट इतना ज्यादा धीमा चल रहा है कि लोग किसी भी ऑनलाइन सुविधा का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। इंटरनेट मॉनिटर करने वाली संस्था नेटब्लॉक्स का कहना है कि पाकिस्तान में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लगा बैन अब तक का सबसे लंबा बैन है। मुल्क में डिजिटल अधिकारों के लिए काम करने वाले मंच ‘बोलो भी’ के डायरेक्ट उसामा खिलजी ने कहा कि चुनिंदा वीपीएन को छोड़ दिया जाए तो कोई भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स का इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है।
मार्शल लॉ की दहलीज पर खड़ा पाकिस्तान?
उसामा खिलजी ने इस दौरान सरकार के दूरसंचार प्राधिकरण या आईटी मंत्री पर भी हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जिनका काम इंटरनेट को लोगों तक आसानी से पहुंचाना है, उनकी ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जो कि आलोचनात्मक है। बता दें कि पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव के नतीजे घोषित हुए थे जिसमे किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था।
नवाज शरीफ की पार्टी बिलावल भुट्टो की पीपीपी के साथ सरकार बनाने के प्रयास कर रही है लेकिन अभी तक कुछ भी नतीजा नहीं निकल सका है। ऐसे में पहले चुनावी धांधली फिर इंटरनेट पर लगा आंशिक प्रतिबंध बता रहा है कि पाकिस्तानी सेना सत्ता अपने हाथ में भी ले सकती है और मुल्क में मार्शल लॉ भी लग सकता है।