पाकिस्तान में चुनाव खत्म हो गए है लेकिन अभी तक सरकार का गठन नहीं हो पाया है। चुनावों के दौरान हुई धांधली और बेइमानी के चलते धरना प्रदर्शन जारी है। दूसरी ओर पूर्व पीएम इमरान खान के समर्थकों ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। त्रिशंकु नतीजों और अस्थिरता के चलते यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या पाकिस्तान में एक बार फिर से मार्शल लॉ लग सकता है और क्या इस पूरे खेल के पीछे पाकिस्तानी आर्मी की कोई साजिश भी है।
पाकिस्तान का एक राजनीतिक दल अभी से ही अंतराष्ट्रीय समुदाय से दखल देने की मांग कर रहा है। मीडिया के सामने सबूत दिखाए जा रहे हैं जो कि 1971 के मार्शल लॉ की याद दिला रहे हैं। पाकिस्तानी आर्मी पर आरोप लग रहे हैं कि वह इमरान खान को परेशान करने की कोशिशें कर रही है। अहमद भट्टी नाम के इमरान खान समर्थक सांसद ने उनकी बात नहीं मानी, तो उनके साथ विवादित व्यवहार किया गया।
पाकिस्तान सेना पर हाल ही में इमरान खान की तीसरी पत्नी ने आरोप लगाया है कि उन्हें जबरदस्ती जहर खिलाने की कोशिश की जा रही है। इस मामले में पीटीआई के वकील मशाल युसुफजई ने जानकारी दी कि जब बुशरा बीबी को जेल में खाना दिया गया तो उसमें ज्यादा मिर्च थी। खाना खाने के बाद उनकी नाक से और आंख से पानी बह रहा था और उनकी तबीयत खराब है।
बुशरा बीबी ने खोला सेना के खिलाफ मोर्चा
बुशरा बीबी को तोशखाना मामले में दोषी पाया गया था। इमरान की पत्नी को जेल में जहर देने की कोशिश की जा रही है। इन आरोपों ने आर्मी पर भी सवाल खड़े किए है। इसके चलते ही बुशरा बीबी ने 6 दिनों से खाना नहीं खाया है। इमरान खान के एक और करीब से जानने वालों का कहना है कि सेना पर दबाव बनाने के लिए वे ऐसे दांव चलते रहते हैं। ऐसे में हो सकता है कि बुशरा बीबी की यह नई कोई प्लानिंग हो।
पाकिस्तान में सेना अपने विरोधियों के करीबी रिश्तेदारों को पहले भी इसी तरह से किनारे लगा देती थी। मोहम्मद अली जिन्ना की बहन फातिमा जिन्ना के साथ 1976 में भी कुठ ऐसा ही किया गया था। ऐसे में यह भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या बुशरा बीबी इसी लिए पाकिस्तानी सेना पर गंभीर आरोप लगा रही हैं?
चुनाव में धांधली!
गौरतलब है कि इमरान खान की पार्टी पीटीआई का चुनाव चिन्ह चुनाव आयोग ने छीन लिया था और तोशखाना केस में उन्हें दोषी ठहराते हुए कोर्ट ने जेल भी भेज दिया था। इसके चलते इमरान खान के समर्थक नेताओं ने आम चुनाव के दौरान निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ा था। इन निर्दलीय उम्मीदवारों पर भी लगातार सेना दबाव बना रही है और नेताओं का आरोप हैं कि पाकिस्तानी सेना ने चुनावों में भी खूब धांधली मचाई थी जिससे इमरान खान के विरोधी प्रत्याशियों को फायदा पहुंचाया जा सके।