पाकिस्तान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ है जो कि लाहौर का है। वीडियो में एक महिला खून से लथपथ भीड़ में घिरी हुई दिखती है। उसने बचने के लिए एक रेस्तरां का रुख किया। इसके बाद पुलिसवालों ने उसे बचा लिया।इस दौरान भीड़ ने ईशनिंदा के नारे लगाने शुरू कर दिए। इस वीडियो की घटना से सामने आया है कि कैसे पाकिस्तान में हिंदू, ईसाई और यहां तक कि अहमदिया और शिया मुसलमानों जैसे अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए ईशनिंदा के कानून का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे इतर ये भी सामने आया है कि कैसे ईशनिंदा का पता पहनावे और क्यूआर कोड से लगाया जा सकता है।
पाकिस्तान के ईशनिंदा कानून की बात करें तो पैगंबर मुहम्मद से जुड़े मुद्दे पर लिखित या मौखिक अपमानजनक टिप्पणी पर आरोपी को मौत की सजा दी जाएगी, या जीवन के लिए कारावास भी दिया जाएगा। पाकिस्तान में महिला के विरोध में मौत की धमकियां और उपद्रव का मुख्य कारण एक ड्रेस बन गई है, जो कि कुवैती है और उसमें अरबी में शब्द लिखे हैं। ऐसे में लाहौर बाज़ार में कट्टरपंथी भीड़ ने अरबी लिपि देखी और इसे कुरान की आयतों से जोड़ दिया, जबकि इसका कुरान से कोई लेना-देना नहीं है।
इसके पहले साल 2022 में एक पाकिस्तानी व्यक्ति ने कोल्ड ड्रिंक पहुंचाने वाले एक ट्रक को जलाने की धमकी दी थी। इसकी वजह यह थी कि उसे 7UP बोतल के “क्यूआर कोड पर पैगंबर मुहम्मद के नाम का शिलालेख” दिखा था। क्यूआर कोड दिखाते हुए उस उग्र व्यक्ति ने कहा कि ये देखें इसमें मुहम्मद का नाम लिखा हुआ है। इस पर पॉडकास्टर और कार्यकर्ता इमरान नोशाद खान ने हस्तक्षेप किया और ट्रक चालक और उसके ट्रक को बचाया। नोशाद खान ने कहा था कि यह जागरूकता में कमी है। इसके पहले 2022 में एक मॉल में स्थापित वाई-फाई उपकरणों पर कथित तौर पर पैगंबर मुहम्मद के साथियों के खिलाफ टिप्पणियां चलाने के बाद कराची में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था।
अरबी शब्दों से हुआ था विवाद
हालिया मामले की बात करें तो महिला अपने पति के साथ लाहौर के एक बाजार में गई थी, जब उसकी पोशाक पर अरबी के शब्द लिखे हुए थे। इसके चलते उन्हें लोगों के एक समूह ने उसे रोक लिया। इसको लेकर ईशनिंदा का आरोप झेल चुके पाकिस्तानी ईसाई फराज परवेज ने कहा कि पाकिस्तान में अज्ञानी लोगों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस न बचाती तो महिला की हत्या हो सकती थी। पाकिस्तान के कठोर ईशनिंदा कानूनों के खिलाफ लड़ने वाले परवेज़ ने कहा कि पोशाक वास्तव में कुरान की आयतें नहीं है, बल्कि अरबी सुलेख के साथ एक डिजाइन है, जो सऊदी अरब में आम है। और इसके ऊपर अरबी शब्द हलवा लिखा है जिसका अर्थ है “सुंदर और मीठा ही होता है।
बता दें कि 96% मुस्लिम आबादी वाले देश पाकिस्तान में ईशनिंदा को लेकर व्यक्तियों और पूजा स्थलों पर हमले आम हैं। 2021 की एक घटना ने वैश्विक ध्यान खींचा था जब पाकिस्तान के सियालकोट में भीड़ ने एक 40 वर्षीय श्रीलंकाई नागरिक को यातनाएं देकर मार डाला था और फिर उसे जला दिया।