पाकिस्तानी सेना पर एक बार फिर बलूच लड़ाके कहकर बनकर टूटे हैं। बीएलए ने दावा कर दिया है कि उसने इस सुसाइड अटैक में कम से कम 90 पाक सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया है। पाकिस्तान की सरकार ने इस आंकड़े को सिर्फ पांच बताया है। असल में बीएलए के लड़ाकों ने क्वेटा से तफ्तान जा रहे सुरक्षाबलों के काफिले को निशाना बनाया था, ताबड़तोड़ फायरिंग भी की गई। इस हमले में सरकार का आंकड़ा सात मौतों का है, लेकिन बीएलए लगातार बड़े नुकसान की बात कर रहा है।
बीएलए ने पहले भी किए हमले
कुछ दिन पहले ही बीएलए ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को भी हाईजैक किया था, उसको लेकर भी सरकार और विद्रोहियों के आंकड़ों में जमीन आसमान का फर्क है। कितने लोग मरे, इसे लेकर भी अभी तक कोई स्पष्टता नहीं है। लेकिन पाकिस्तान में बलूच लड़ाकों का कहर बढ़ता जा रहा है, बलूचिस्तान में भी पाक सरकार के खिलाफ गुस्सा सातवें आसमान पर है।
इस हमले की बात करें तो यह क्वेटा से 150 किलोमीटर दूर नोशकी में हुआ है। बीएलए को पहले से जानकारी थी कि पाक सेना का एक बड़ा काफिला रवाना हुआ है, उसमें भी सात बसें और दो अन्य वाहन शामिल थे। विद्रोहियों ने तय रणनीति के तहत आईईडी ब्लास्ट कर आर्मी बस को निशाना बनाया था। बताया जा रहा है कि बलूच लिबरेशन आर्मी की फिदायीन यूनिट द मजीद ब्रिगेड ने इस हमले को अंजाम दिया।
बीएलए का नाम 2000 के दशक की शुरुआत में तेजी से चर्चा में आया था, तब इस संगठन ने बलूचिस्तान की आजादी के लिए जंग लड़ने का काम शुरू किया था। इसकी सक्रियता को देखते हुए पाकिस्तान ने 2006 में इस संगठन पर बैन लगा दिया था और 2019 में अमेरिका ने इसे वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था।
आत्मघाती दस्ता है बीएलए का मजीद ब्रिगेड
मजीद ब्रिगेड बीएलए का आत्मघाती दस्ता है। इस दस्ते का नाम दो भाइयों के नाम पर रखा गया है, जिन्हें मजीद लैंगोव कहा जाता था। अलग बलूचिस्तान के लिए चल रहे विद्रोह में इन दोनों भाइयों का इतिहास बेहद अहम है।
मजीद ब्रिगेड ने पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान में कई बड़े हमले किए हैं। मजीद ब्रिगेड ने अपना पहला आत्मघाती हमला 30 दिसंबर, 2011 को किया। इस हमले में कम से कम 14 लोग मारे गए और 35 घायल हुए। इसके बाद यह संगठन कुछ समय तक शांत रहा लेकिन 2018 में फिर से सक्रिय हुआ। 2018 में मजीद ब्रिगेड ने पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के पास दलबंदिन में चीनी इंजीनियरों की बस पर हमला किया गया। 2018 में इसने कराची में चीनी वाणिज्य दूतावास (Chinese Consulate) पर हमला किया।
2019 के ग्वादर के पर्ल कॉन्टिनेंटल होटल और 2020 में कराची स्टॉक एक्सचेंज पर हमला किया। मार्च, 2024 में बलूचिस्तान के ग्वादर पोर्ट के पास एक परिसर पर किया गया हमला भी शामिल है। इसमें पाकिस्तान के सुरक्षा बलों के कई जवानों की मौत हो गई थी। वैसे पाकिस्तान में ही भारत के एक बड़े दुश्मन की भी मौत हुई है, पूरी खबर के लिए यहां क्लिक करें