पाकिस्तान की ताकतवर सेना के प्रमुख जनरल राहिल शरीफ ने अमेरिका से अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के ठिकानों और उसके प्रमुख मुल्ला फजलुल्लाह को निशाना बनाने के लिए कहा है। जनरल राहिल ने यह मांग यहां शुक्रवार (10 जून) कमांडर रेजलूट सपोर्ट मिशन इन अफगानिस्तान जनरल जॉन निकोल्सन और अफगानिस्तान तथा पाकिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि रिचर्ड ऑलसन के साथ उच्च स्तरीय बैठक में की।
शुक्रवार (10 जून) देर रात को जारी किए गए बयान में, सेना ने कहा कि जनरल राहिल ने मांग की कि अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के उग्रवादियों और मुल्ला फजलुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाया जाए। बयान में कहा गया है, ‘अफगानिस्तान में टीटीपी और मुल्ला फजलुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाने की मांग करते हुए सीओएएस ने दोहराया कि शत्रु खुफिया एजेंसियों के प्रयासों खासतौर पर रॉ और एनडीएस को आतंकवाद को उकसाने की इजाजत नहीं देने का पाकिस्तान का संकल्प है।’
बीती 21 मई को सीआईए के एक ड्रोन द्वारा बलूचिस्तान में अफगान तालिबान प्रमुख मुल्ला मंसूर को मार गिराने के बाद पाकिस्तान के साथ उपजे नए तनाव के बाद से अमेरिका के उच्च स्तर के अधिकारियों की पहली यात्रा है। सेना ने कहा कि क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति विशेष संदर्भ में सीमा प्रबंधन, शांति और अफगानिस्तान में स्थिरता 21 मई को हुए अमेरिकी ड्रोन हमले के बाद के माहौल पर चर्चा हुई।
सेना के बयान में कहा गया है कि बलूचिस्तान में अमेरिकी ड्रोन हमले पर गंभीर चिंता व्यक्त की और इसे पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन बताते हुए राहिल ने रेखांकित किया कि कैसे इसने आपसी विश्वास और सम्मान को प्रभावित किया और यह ऑपरेशन जर्ब-ए-अज्ब से मिलने वाले फायदे के उल्ट था।
राहिल ने कहा कि क्षेत्र में स्थायी शांति की तमाम कोशिशों को साझे उत्तदायित्व और जिम्मेदारी के साथ मिलाना होगा ताकि वे सफल हो सकें। उन्होंने कहा कि सभी पक्षों को पोरस सीमा, अंतर कबायली संपर्क और दशकों पुराने 30 लाख शराणार्थियों के संबंध में पाकिस्तान की चुनौतियों को समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘अफगानिस्तान में अस्थिरता के लिए पाकिस्तान को दोष देना दुर्भाग्यपूर्ण है।’
