पाकिस्तान ने कहा कि विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए कश्मीर घाटी में कोई भी समर्पित शहर बसाना राज्य की जनसांख्यिकी को बदल देगा और यह संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के खिलाफ होगा। हालांकि, इस रुख को भारत ने खारिज कर दिया है।
इस्लामाबाद में पाकिस्तान के विदेश विभाग की प्रवक्ता तसनीम असलम की टिप्पणियों को वित्तमंत्री अरुण जेटली ने खारिज करते हुए कहा कि मुसलमानों और सिखों के साथ कश्मीरी पंडित जम्मू कश्मीर का अभिन्न हिस्सा हैं।
तसनीम ने एक न्यूज ब्रीफिंग में कहा कि भारत कश्मीर घाटी में बाहरी लोगों को बसा कर जनसंख्या के स्वरूप को नहीं बदल सकता। उन्होंने कहा कि समर्पित शहर बसाने या विशेष क्षेत्र बनाने की कोई भी कोशिश क्षेत्र के जनसांख्यिकी स्वरूप को बदल देगी जो संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के खिलाफ होगा।
जेटली ने संसद भवन के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए पाकिस्तान के रुख को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, कश्मीरी पंडित, मुसलमान और सिख जम्मू कश्मीर की जनसांख्यिकी का अभिन्न हिस्सा हैं।’’
उन्होंने कहा कि यह स्वभाविक है कि जब उनके पुनर्वास की कल्पना करते हैं तब हर राजनीतिक पार्टी यह देखना चाहती है कि जो उजड़ गया और बाहर हो गया, उसे वापस लाया जाए।
जेटली ने कहा, ‘‘इसमें सभी धर्मों के लोग शामिल होंगे लेकिन यह स्वभाविक है कि कश्मीरी पंडित काफी संख्या में होंगे।’’
पीडीपी-भाजपा की नयी सरकार ने केंद्र को भरोसा दिलाया है कि यह घाटी में कश्मीरी विस्थापितों के लिए ‘कम्पोजिट टॉउनशिप’ बनाने के लिए यथाशीघ्र जमीन अधिग्रहण करेगी और उसे मुहैया करेगी। लेकिन विरोध का सामना करने पर राज्य सरकार ने यू टर्न ले लिया।