Pakistan Army Chief: पाकिस्तान की आर्मी ने पहली बार आधिकारिक तौर पर माना है कि 1999 के करगिल युद्ध में उसकी भागीदारी थी। अब तक लेफ्टिनेंट जनरल (Retd.) शाहिद अजीज, परवेज मुशर्रफ और पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के शामिल होने की बात मानी थी लेकिन ऑफिशियल पद पर रहते हुए किसी ने भी इस बात को नहीं माना था। शुक्रवार को रक्षा दिवस के मौके पर जनरल असीम मुनीर ने कहा कि 1948, 1965, 1971 या भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध या सियाचिन इनमें कई लोगों ने अपना बलिदान दिया।

कारिगल युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने सीधी सैन्य भागीदारी से साफ मना किया था और घुसपैठियों को कश्मीरी स्वतंत्रता सेनानी या मुजाहिदीन कहकर इसे छिपाने की कोशिश की थी। पाकिस्तानी आर्मी ने दावा किया था कि वह तो केवल गश्त कर रहे थे। वहीं कबीलाई नेताओं ने ऊंचाइयों पर कब्जा किया था। बता दें कि युद्ध के बाद ही पाकिस्तान ने अपने सैनिकों के शव तक लेने से मना कर दिया था। भारतीय सेना ने दरियादिली दिखाते हुए इनका अंतिम संस्कार किया था।

नवाज शरीफ ने भी पद से हटने के बाद बात कबूली थी

जब कारगिल युद्ध हुआ था तो उस समय पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ थे। उन्होंने भी प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद में ही माना था कि इस युद्ध में पाकिस्तान की भी भूमिका थी। शरीफ ने कबूल किया था कि पाकिस्तान ने लाहौर समझौते का उल्लंघन किया था। लाहौर में उनके और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बीच में समझौता हुआ था।

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भारत ने लगातार इस बात पर जोर दिया है कि यह संघर्ष पाकिस्तानी सेना की तरफ से सीधे तौर पर शुरू किया गया था। आतंकियों को कवर के तौर पर लेकर कारगिल में पाकिस्तानी सेना की घुसपैठ का सबूत 26 मई और 29 मई को रावलपिंडी में जनरल मुशर्रफ (बीजिंग की यात्रा के दौरान) और उनके चीफ ऑफ जनरल स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद अजीज के बीच हुई बातचीत से मिलता है।

भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ 1999 में कारगिल युद्ध

बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध हुआ था। पाकिस्तान के आंतकियों ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की और एलओसी की चोटियों पर कब्जा भी जमा लिया। इसके बाद जम्मू-कश्मीर के कारगिल जिले में युद्ध में भारतीय सेना ने अपनी ताकत दिखाते हुए पाकिस्तान को धूल चटाई थी। यह युद्ध करीब तीन महीने तक चला था।