पाकिस्तान में एक बार फिर नवाज शरीफ सरकार और सेना के बीच दरार की खबर सामने आई है। पाकिस्तान आर्मी के चीफ जनरल राहिल शरीफ ने नवाज शरीफ सरकार से अलग मत रखते हुए शुक्रवार को रावलपिंडी के आर्मी मुख्यालय में वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक की और उसमें पत्रकार सिरील अल्मीडा द्वारा दी गई खबर को न सिर्फ झूठा और मनगढ़ंत करार दिया बल्कि उसे राष्ट्रीय सुरक्षा में सेंध लगाने का मामला करार दिया। इससे इतर कल ही नवाज शरीफ सरकार ने पत्रकार सिरील अल्मीडा पर से प्रतिबंध हटा लिया था। सरकार ने अल्मीडा को एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में डाल दिया था। हालांकि, नवाज शरीफ सरकार ने भी उस खबर को गलत करार दिया था लेकिन बढ़ते दबाव के बाद सरकार ने नरमी दिखाते हुए पत्रकार पर से प्रतिबंध हटा लिया।
पाकिस्तान सरकार ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘यह निर्णय किया गया है कि सिरील अल्मीडा का नाम निकास नियंत्रण सूची से हटाया जाए और सभी संबंधितों से इस मामले में तत्काल कदम उठाने का अनुरोध किया जाता है।’’निर्णय तब किया गया जब पाकिस्तान के गृह मंत्री निसार अली खान ने मीडिया प्रतिनिधि संगठनों, ‘‘आल पाकिस्तान न्यूजपेपर्स सोसाइटी और काउंसिल ऑफ पाकिस्तान न्यूजपेपर एडिटर्स के प्रतिनिधियों से इस्लामाबाद में मुलाकात की। यह मुलाकात तब हुई जब सरकार को अल्मीडा की यात्रा पर रोक लगाने के अपने निर्णय को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
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गौरतलब है कि ‘डॉन अखबार’ ने छह अक्टूबर को पहले पन्ने पर छपी एक खबर में सूत्रों के हवाले से कहा था कि सरकार ने सैन्य नेतृत्व को आतंकवाद के कथित समर्थन के चलते पाकिस्तान के अलग थलग पड़ते जाने के बारे में सूचना दी है। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल राहिल शरीफ ने सोमवार को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से उनके आवास पर मुलाकात की जिस दौरान वित्त मंत्री इशाक दार, गृह मंत्री निसार अली खान, पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ और डीजी आईएसआई लेफ्टिनेंट जनरल रिजवान अख्तर भी उपस्थित थे।