Pakistan On Pahalgam: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बड़ा आतंकी हमला हुआ है, इसमें अब तक 27 पर्यटकों की मौत हो चुकी है। अब सामने से पाकिस्तान ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन उसकी फंडिंग से चल रहे आतंकी संगठन ने जरूर सामने से संदेश जारी किया है। इस बीच पाकिस्तान को अब जवाबी कार्रवाई का डर सताने लगा है। उसे बालाकोट जैसे किसी हमले की आशंका है। भारत से सटी सीमा पर टोही विमान गश्त करते दिख रहे हैं।

पाकिस्तान को किस बात का डर?

भारत में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायोग अब्दुल बासिद ने एक बड़ा बयान दिया है। उनका दो टूक कहना है कि पाकिस्तान इस समय खौफ में है, उसे एक जवाबी हमले का डर सता रहा है। उनकी तरफ से जानकारी दी गई है कि भारत से सटी सीमा पर टोही विमान अभी से गश्त लगा रहे हैं, पाकिस्तान की वायुसेना को अलर्ट पर रखा गया है। यह कुछ ऐसा ही दृश्य है जो पुलवामा हमले के बाद भी देखा गया था। तब भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी, उसके बाद ही पाकिस्तान ने भी अपनी वायुसेना को एक्शन में ला दिया था।

पहलगाम हमले की LIVE UPDATES

पाक मंत्री ने हमले पर क्या बोला?

वैसे पाकिस्तान का पहला बयान भी इस हमले पर आ चुका है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने लोकल मीडिया से बात करते हुए एक विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत की सरकार अल्पंख्यकों को परेशान कर रही है, इसमें बौद्ध, मुस्लिम सब शामिल हैं। लोगों का कत्तलेआम किया जा रहा है, ऐसे में इसके खिलाफ आवाज उठ रही है। ऐसे किसी भी हमले से हमारा कोई लेना देना नहीं है।

पहलगाम में किसने किया हमला?

जानकारी के लिए बता दें कि इस कायराना हमले की जिम्मेदारी TRF नाम के आतंकी संगठन ने ली है, इसे दूसरे शब्दों में द रेजिस्टेंस फ्रंट के नाम से भी जाना जाता है। यह नाम से जरूर कोई अंग्रेजी संगठन दिखाई पड़ता है, लेकिन असल में इसकी जड़े पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से जुड़ी हुई है।

TRF संगठन के बारे में जानकारी

इस संगठन को लश्कर का ही प्रॉक्सी माना जाता है, खतरनाक आतंकी सज्जाद गुल इस समय TRF को चला रहा है। इस दहशतगर्द को हाफिज सईद का राइट हैंड भी कहा जा सकता है, भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने सज्जाद के खिलाफ कई सालों से बड़ा इनाम घोषित कर रखा है, उसकी तलाश लगातार जारी है। द रेजिस्टेंट फ्रंट को लश्कर का मुखौटा माना जाता है, जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा था, इस संगठन ने अपने पैस पसारने शुरू किए। पहले तो ये एक ऑनलाइन संगठन की तरह काम करता था, लश्कर को सिर्फ उसके हमलों में कवर देने का मकसद रहता था।

ये भी पढ़ें- पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड की कहानी