पहलगाम आतंकी हमले के बाद 6-7 मई की रात भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था। इस ऑपरेशन में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तानी आतंकियों के एक दर्जन ठिकानों और कई एयरबेस को निशाना बनाकर नुकसान पहुंचाया। हालांकि, साल 2025 में पाकिस्तान के लिए एक गुड न्यूज भी सामने आई है।
सरकारी पोलियो उन्मूलन पहल के एक बयान के अनुसार, पाकिस्तान में 2025 में पिछले साल की तुलना में पोलियो के आधे से भी कम मामले सामने आए। यह इसके उन्मूलन कैंपेन में प्रगति का संकेत है। भले ही वैक्सीनेटरों को बार-बार आतंकी हमलों का सामना करना पड़ा। पाकिस्तान ने साल का अपना आखिरी राष्ट्रव्यापी पोलियो टीकाकरण अभियान शुरू किया था, जिसमें करीब 4.5 करोड़ बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया। इस अभियान के दो हफ्ते बाद यह घोषणा की गई।
पोलियो उन्मूलन के लिए नेशनल इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर के कोऑर्डिनेटर अनवारुल हक ने एपी को बताया कि अधिकारियों ने 2025 में इस संभावित लकवा करने वाली बीमारी के 30 मामले दर्ज किए, जो एक साल पहले के 74 मामलों से कम हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पाकिस्तान और पड़ोसी अफगानिस्तान ही केवल दो ऐसे देश हैं जहां पोलियो का उन्मूलन नहीं हुआ है।
टीकाकरण में हुआ सुधार
पाकिस्तान के नवीनतम आंकड़े दशकों से चले आ रहे अभियान में गति और लगातार जोखिम दोनों को उजागर करते हैं। जबकि टीकाकरण कवरेज में सुधार हुआ है और रिपोर्ट किए गए मामलों में तेजी से गिरावट आई है, स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि कुछ दुर्गम क्षेत्रों में लगातार संक्रमण का मतलब है कि जब तक टीकाकरण प्रयासों को जारी नहीं रखा जाता, तब तक देश झटकों के प्रति संवेदनशील बना रहेगा। हक ने कहा कि पाकिस्तान फरवरी के पहले हफ्ते में नए साल का अपना पहला एंटी-पोलियो ड्राइव कैंपेंन शुरू करेगा।
ये भी पढ़ें: ऐसा क्या हुआ कि पाकिस्तान में अचानक बढ़ने लगी ये बीमारी, ये हैं इसके लक्षण
उन्होंने कहा कि सितंबर के बाद से देश में कहीं भी कोई नया इंफेक्शन दर्ज नहीं किया गया है और इस गिरावट का श्रेय साल भर चलाए गए टीकाकरण अभियानों को दिया। सबसे हालिया टीकाकरण अभियान के दौरान, हक ने कहा कि टारगेट पॉपुलेशन के 98% से ज्यादा लोगों तक पहुंचा गया। टीकाकरण अभियानों के दौरान पहुंच की चुनौतियां बनी रहीं, खासकर उत्तर-पश्चिमी प्रांत खैबर पख्तूनख्वा के कुछ हिस्सों में, जहां स्वास्थ्य कर्मियों को सिक्योरिटी को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ा।
आतंकियों ने टीकाकरण कर्मियों को बनाया निशाना
आतंकियों ने बार-बार टीकाकरण कर्मियों और उनकी सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस को निशाना बनाया है और झूठा दावा किया है कि ये अभियान मुस्लिम बच्चों को बांझ बनाने की पश्चिमी साजिश है। अधिकारी संभावित हमलों की खुफिया चेतावनियों के बाद हर एक टीकाकरण अभियान के दौरान हजारों पुलिस अधिकारियों को तैनात करते हैं। अधिकारियों का कहना है कि 1990 के दशक से, ऐसे हमलों में 200 से अधिक पोलियो कार्यकर्ता और उनकी सुरक्षा करने वाले पुलिस अधिकारी मारे गए हैं।
ये भी पढ़ें: अजीबोगरीब फैसले ले रहा तालिबान, अब रोका पोलियो टीकाकरण, अफगानिस्तान में सामने आ चुके हैं इतने मामले
