सीरिया में हुए एक हमले में दो अमेरिकी सैनिकों की मौत के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ी जवाबी कार्रवाई की है। अमेरिका ने सीरिया में मौजूद आतंकी संगठन Islamic State (आईएसआईएस) के कई ठिकानों पर भारी हवाई हमले किए हैं।
असल में, 13 दिसंबर को मध्य सीरिया के कमाल शहर में एक हमला हुआ था। इस हमले में दो अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई थी, जबकि तीन अन्य घायल हो गए थे। इस घटना के बाद से ही माना जा रहा था कि अमेरिका जवाबी कार्रवाई करेगा और सीरिया में सक्रिय आतंकी संगठनों को कड़ा संदेश देगा। इसी क्रम में अमेरिका ने सीरिया में बड़े पैमाने पर बमबारी की है।
अमेरिका के रक्षा मंत्री Pete Hegseth ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि 13 दिसंबर को हुए हमले के जवाब में आईएसआईएस लड़ाकों, उनके ठिकानों, बुनियादी ढांचे और हथियार भंडारण केंद्रों को पूरी तरह नष्ट करने के लिए यह कार्रवाई की गई है। रक्षा मंत्री ने कहा कि अमेरिका पहले भी स्पष्ट कर चुका है कि अगर दुनिया में कहीं भी अमेरिकी नागरिकों या सैनिकों को निशाना बनाया गया, तो आपकी बची कुची छोटी जिंदगी ये सोचने में निकल जाएगी कि अमेरिका हमलावरों का पीछा करेगा, उन्हें ढूंढ निकालेगा और फिर बेहरमी से मारेगा।
सीरिया पर की गई इन एयर स्ट्राइक को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि सीरिया की सरकार इस अमेरिकी सैन्य कार्रवाई का समर्थन कर रही है। मीडिया से बातचीत में अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि यह हवाई हमले मध्य सीरिया में आईएसआईएस के ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए।
हालांकि, अब तक अमेरिका की ओर से यह जानकारी साझा नहीं की गई है कि इन हमलों में कितने आतंकी मारे गए हैं। अमेरिकी सेना ने इतना जरूर बताया है कि इस ऑपरेशन में फाइटर जेट्स, हेलीकॉप्टर और आर्टिलरी का इस्तेमाल किया गया और कुल 100 से अधिक स्ट्राइक की गईं।
गौर करने वाली बात यह है कि आईएसआईएस ने अभी तक 13 दिसंबर के हमले की आधिकारिक जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन अमेरिका का कहना है कि उसके सैनिकों की मौत के पीछे इसी आतंकी संगठन का हाथ है। खास बात यह भी है कि असद सरकार के पतन के करीब एक साल बाद सीरिया में यह अमेरिका की सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई मानी जा रही है।
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