पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में एक पुलिस अधिकारी ने गर्ल्स स्कूल के बाहर ओपन फायरिंग कर दी, जिसमें एक छात्रा की मौत हो गई और सात लोग घायल हो गए। मंगलवार (16 नई, 2023) को एक स्कूल के बाहर पुलिस अधिकारी ने खुलेआम लोगों पर गोलियां बरसाईं, जिससे इलाके में भगदड़ मच गई। इस घटना के बाद से वहां दहशत का माहौल है।
पाकिस्तान का खैबर पख्तूनख्वा एक अशांत प्रांत है। यहां स्वात घाटी में एक गर्ल्स स्कूल के बाहर कल उस समय फायरिंग की गई, जब छात्राएं स्कूल से निकल रही थीं। आरोपी पुलिस कांस्टेबल को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया और उसके खिलाफ एफआईर भी दर्ज की गई। आरोपी कांस्टेबल की पहचान आलम खान के तौर पर हुई है। पाकिस्तान के डॉन न्यूज पेपर की खबर के मुताबिक, मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन कर लिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ओपन फायरिंग की अचानक से आवाज सुनकर छात्र और टीचर्स घबरा गए और भगदड़ मच गई। इसके बाद घायलों को सायदू शरीफ अस्पताल ले जाया गया। जिला पुलिस अधिकारी शैफुल्लाह गांदापुर ने कहा कि आरोपी सलामपुर का निवासी है और उसे पहले दो बार सस्पेंड में भी किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि वह पिछले साल ही नौकरी पर लौटा था और तीन महीने पहले ही एक स्कूल के बाहर सिक्योरिटी के लिए उसकी तैनाती हुई थी। हालांकि, अभी तक पता नहीं चल सका है कि इस तरह फायरिंग करने के पीछे उसका क्या मकसद था। हालांकि, घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है। इस बीच, हादसे में घायल एक छात्रा ने बताया कि संदिग्ध ने अचानक से स्कूल वैन पर फायरिंग करनी शुरू कर दी थी। उसने बताया कि घटना के बाद स्कूल के बच्चे काफी घबरा गए।
स्वात घाटी पाकिस्तानी तालिबान का गढ़ रहा है, जिसे औपचारिक रूप से तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) कहा जाता है। टीटीपी को 2007 में कई आतंकवादी संगठनों के एक छत्र समूह के रूप में स्थापित किया गया था। उसने सरकार के साथ संघर्ष विराम को समाप्त कर दिया और अपने सदस्यों को देश भर में आतंकवादी हमले करने का आदेश दिया था।
अल-कायदा के करीबी माने जाने वाले तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को देशभर में आतंकी हमलों का दोषी माना जाता है। इन हमलों में 2009 में सेना मुख्यालय और सैन्य ठिकानों पर हमले और 2008 में इस्लामाबाद में मैरियट होटल में बमबारी जैसी घटनाएं भी शामिल हैं। साल 2014 में पाकिस्तानी तालिबान ने पेशावर के उत्तर-पश्चिमी शहर में आर्मी पब्लिक स्कूल पर हमला किया था, जिसमें 131 छात्रों समेत कम से कम 150 लोग मारे गए।