नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के करीबी माने जाने वाले किम यांग गोन की मंगलवार को एक कार दुर्घटना में मौत हो गई। नॉर्थ कोरिया की सरकारी एजेंसी ने यह खबर दी है। गोन उन अधिकारियों में से थे, जो साउथ कोरिया के साथ देश के रिश्तों को हैंडल कर रहे थे। वे पूर्व सर्वोच्च नेता किम जोंग इल के जमाने से ही इन मामलों को देख रहे थे। उनकी मौत से क्षेत्र में असंतुलन बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। किम यांग गोन वर्कर्स पार्टी के सेंट्रल कमेटी के सेक्रेटरी थे। इसके अलावा, वे यूनाइटेड फ्रंट डेवलपमेंट के हेड थे, जो नॉर्थ और साउथ कोरिया के रिश्तों से जुड़े मामलों को देखता था। जानकार मानते हैं कि उनकी मौत की वजह से दोनों पड़ोसी देशों के रिश्ते खराब हो सकते हैं।
73 साल के किम यांग गोन की मौत कैसे हुई, कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। इस साल गर्मियों में नॉर्थ और साउथ कोरिया के बीच बेहद तनाव की स्थति उपत्न हो गई थी। साउथ कोरिया ने आरोप लगाया था कि नॉर्थ की फायरिंग और लैंडमाइन विस्फोट की वजह से उसके दो सैनिक मारे गए। यांग गोन को उस वक्त दोनों देशों के बीच रिश्तों को नॉर्मल करने का श्रेय जाता है। इसके अलावा, उन्होंने 2007 में नॉर्थ कोरियाई तानाशाह किम जोंग इल और साउथ कोरियाई प्रेसिडेंट रोह मू हयान के बीच बैठक कराने में भी अहम भूमिका निभाई थी। बता दें कि हाल के सालों में किम जोंग उन के कई करीबियों की मौत हो चुकी है। उधर, 2011 में सत्ता संभालने के बाद से ही किम जोंग उन अपने पिता के करीबियों को निशाना बनाते रहे हैं। 2013 में उन्होंने अपने ही चाचा जांग सॉन्ग थेइक को मौत के घाट उतरवा दिया। आरोप लगाया कि वे देश विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। इससे पहले, किम के चाचा देश के दूसरे सबसे बड़े ताकतवर शख्स के तौर पर जाने जाते थे।