उत्तर कोरिया ने गुरुवार को अपने पूर्वी तट के बोनसन से 500 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली दो बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया। इससे कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव और बढ़ गया है। इस बीच, इन प्रक्षेपणों के बाद जापान सरकार ने उत्तर कोरिया से विरोध दर्ज कराया है। उधर, उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया के साथ अपने सभी समझौतों तथा परियोजनाओं को रद्द कर दिया है। साथ ही अपने क्षेत्र की उसकी फर्मों की परिसंपत्ति जब्त करने की घोषणा की है।

सोमवार को अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने वार्षिक संयुक्त सैन्याभ्यास शुरू कर दिया था, जो अप्रैल के अंत तक चलेगा। इस सैन्याभ्यास में दोनों देशों की

लगभग 3,15,000 सैन्य टुकडि़यां हिस्सा ले रही हैं। उत्तर कोरिया ने इसी संयुक्त सैन्याभ्यास के विरोध में मिसाइलें दागी हैं। इससे पहले उत्तर कोरिया ने तीन मार्च को छोटी दूरी की छह मिसाइलों को परीक्षण किया था। मालूम हो कि उत्तर कोरिया के पास कम दूरी की काफी मिसाइलें हैं और वह अब लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों को विकसित कर रहा है।

उत्तर कोरिया के नेता ने किम ने बुधवार को कहा था कि उसने छोटे परमाणु अस्त्र बना लिए हैं जो बैलिस्टिक मिसाइलों से दागे जा सकते हैं। अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता जान किर्बी ने इस दावे पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया था। पेंटागान ने कहा था कि उसने परमाणु अस्त्र ले जा सकने वाली मिसाइलों को विकसित करने की उत्तर कोरिया की क्षमता नहीं देखी है। दक्षिण कोरिया के रक्षा अधिकारियों के मुताबिक, ‘सेना इस स्थिति पर करीब से नजर रख रही है और वह उत्तर कोरिया के किसी भी उकसावे वाले कृत्य से निपटने के लिए तैयार है।’