कनाडा में हुई खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जह की हत्या में एक नया मोड़ आ गया है। कई महीनों की चुप्पी के बाद कनाडा की जांच एजेंसी ने फिर भारत के खिलाफ अनाप-शनाप बोला है, मोदी सरकार की नीयत पर भी सवाल उठाया है और लॉरेंस बिश्नोई गैंग को लेकर भी बड़ा खुलासा हुआ है। अब ये दावे इसलिए हुए हैं क्योंकि इस मामले में शुक्रवार रात को कई गिरफ्तारियां हो गईं।
निज्जर की हत्या अब क्या दावा?
असल में कनाडा पुलिस ने निज्जर हत्या कांड में एक हिट स्क्वाड को अरेस्ट किया है। उसके कई सदस्य इस आतंकी की हत्या में शामिल बताए जा रहे हैं। सबसे बड़ा दावा ये है कि गिरफ्तार हुए लोगों में तीन भारतीय हैं जिनका कनेक्शन लॉरेंस बिश्नोई गैंग से बताया जा रहा है। ये भी कहा गया है कि आरोपियों ने वारदात को अंजाम देने के लिए अलग-अलग भूमिका निभाई, कोई शूटर था, कोई ड्राइवर तो कोई सिर्फ नजर रखने का काम कर रहा था।
इसके अलावा जांच एजेंसी के मुताबिक कुछ दूसरी हत्याओं के लिए भी इन आरोपियों से पूछताछ की जाएगी। इन सभी का कनेक्शन पंजाब-हरियाणा के क्रिमिनल सिंडिकेट से भी बताया जा रहा है। यहां तक कहा गया है कि भारत सरकार के इशारों पर ही इन आरोपियों ने निज्जर की हत्या को अंजाम दिया। अब ये वो दावा है जिसे कई महीने पहले ही भारत सरकार ने खारिज कर दिया था। उन दावों की वजह से ही भारत और कनाडा के रिश्ते काफी खराब हुए, जस्टिन ट्रूडो की भी इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म्स पर फजीहत हुई।
भारत पर हमला करना चाहता था निज्जर
बड़ी बात ये भी है कि जिस निज्जर को कनाडा लगातार बचाने की कोशिश कर रहा है, वो भारत पर ही हमला करने की साजिश रच रहा था। इसके लिए उसने बाकायदा पाकिस्तान में खतरनाक हथियारों की ट्रेनिंग ली थी। आतंकवादी घोषित करने से छह साल पहले 2014 में भारत ने खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर के खिलाफ एक इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) जारी किया था।
भारतीय एजेंसियों ने कनाडा सरकार को सूचित किया था कि निज्जर ने एक दर्जन से अधिक आपराधिक मामलों का सामना किया है। जिसमें उसकी हत्या समेत अन्य आतंकवादी गतिविधियां शामिल थीं। हालांकि, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि कनाडा ने उसे “नो-फ्लाई लिस्ट” में डालने के अलावा उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।