न्यूजीलैंड में हुए आम चुनाव के नतीजे आ गए हैं। लेबर पार्टी ने पिछली बार की ही तरह इस बार भी शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल की है। हालांकि, यह जीत इसलिए खास है, क्योंकि 24 साल बाद पहली बार किसी नेता ने अपने दम पर बहुमत हासिल किया है। यह नेता हैं जेसिंडा आर्डर्न, जिन्होंने अपने तीन साल के कार्यकाल में न्यूजीलैंड के साथ-साथ दुनियाभर में नाम कमाया है। फिर चाहे वो क्राइस्टचर्च हमलों के बाद देश को एकजुट रखने की बात हो या फिर कोरोनावायरस का सामना करने में सतर्कता बरतने की। आर्डर्न अब तक दुनियाभर के लिए मिसाल के तौर पर ही उभरी हैं।
क्या रहे चुनाव के नतीजे?: प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न की लेबर पार्टी को अर्ली काउंटिंग में 48.9 फीसदी वोट मिले हैं। 120 सदस्यों वाली संसद में उनके पास अब तक 64 सीटें आती दिख रही हैं, यानी उनके पास इस बार बहुमत से ज्यादा सांसद हैं, जिससे आर्डर्न के पीएम बनने का रास्ता साफ हो चुका है। उनके खिलाफ खड़ी ज्यूडिथ कोलिंस की नेशनल पार्टी को 27 फीसदी वोट और 35 सीटें मिली हैं। दूसरी तरफ एसीटी न्यूजीलैंड पार्टी को 10 सीटें मिली हैं। आधिकारिक नतीजों का ऐलान भी जल्द हो सकता है।
प्रधानमंत्री बनने के बाद दिया बेटी को जन्म, बेनजीर भुट्टो के बाद दूसरी ऐसी राष्ट्रप्रमुख: जेसिंडा आर्डर्न ने 2017 का चुनाव आसानी से जीता था। प्रधानमंत्री बनने के आठ महीने बाद ही उन्होंने बेटी को जन्म दिया था। यानी आर्डर्न दुनिया की दूसरी राष्ट्राध्यक्ष रहीं, जो कार्यकाल के दौरान ही मां बनीं। इससे पहले पाकिस्तान की बेनजीर भुट्टो भी पीएम रहने के दौरान ही मां बनी थीं। आर्डर्न के मां बनने के दौरान उनके पति ने कुछ समय तक कार्यभार संभाला था। इस चुनाव में नतीजे आने के बाद भी उन्होंने अपनी दो साल की हो चुकी बेटी का जिक्र करते हुए कहा कि इस जीत के वक्त सो रही है।
18 साल की उम्र में ही बन गई थीं लेबर पार्टी का हिस्सा: जेसिंडा आर्डर्न का जन्म न्यूजीलैंड के हैमिल्टन शहर में हुआ था। उनके पिता रॉस आर्डर्न एक पुलिस अफसर थे और उनकी मां लॉरेल कुक थीं। राजनीतिक दुनिया में शुरुआत से ही आर्डर्न की रुचि रही। उन्होंने 2001 में 18 साल की उम्र में ही लेबर पार्टी जॉइन कर ली थी। आर्डर्न ने वाइकातो यूनिवर्सिटी से कम्युनिकेशन स्टडीज की डिग्री हासिल करने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री हेलेन क्लार्क के लिए रिसर्चर के तौर पर काम भी किया है।
आर्डर्न की समझ और मेहनत को देखते हुए लेबर पार्टी ने उन्हें 2008 में सांसद पद के लिए उम्मीदवार बनाया। इसके बाद पार्टी में सीढ़ियां चढ़ते हुए उन्हें अगस्त 2017 में पार्टी का नेता चुना गया और पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया गया। आर्डर्न ने इसके बाद पार्टी को चुनाव में जीत दिलाई थी।
