दुनियाभर में कोरोनावायरस के बढ़ते केसों के बीच ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और कुछ अन्य देशों में पिछले कुछ दिनों में संक्रमण के केस काफी तेजी से बढ़े हैं। बताया गया है कि इसकी एक वजह कोरोनावायरस का बदला हुआ रूप है, जो कि पुराने रूप से कहीं ज्यादा मजबूत और संक्रामक है। अब एक नई स्टडी में सामने आया है कि अगर कोरोना की नई स्ट्रेन का म्यूटेशन बरकरार रहता है, तो इस महामारी नियंत्रित करना काफी मुश्किल हो जाएगा।

बता दें कि कोरोनावायरस की नई स्ट्रेन- VOC 202012/01 या B.1.1.7 पहली बार ब्रिटेन में सितंबर मध्य में मिली थी। इंग्लैंड और राजधानी लंदन के कई हिस्सों में फैलने के बाद इसे खतरनाक घोषित करते हुए ब्रिटिश सरकार ने कुछ इलाकों में लॉकडाउन लगा दिया था। साथ ही कई देशों ने ब्रिटेन से आने वाली फ्लाइटों को भी रोक दिया है।

बताया गया है कि यूके में मिली कोरोनावायरस की नई स्ट्रेन के जेनेटिक कोड में 23 बदलाव पाए गए हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह बदलाव वायरस को और ज्यादा संक्रामक बनाता है। साथ ही इससे युवाओं पर खतरा बढ़ा है। बता दें कि कोरोनावायरस से अब तक युवा काफी हद तक बचे रहे हैं, हालांकि नई स्ट्रेन कम उम्र के लोगों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती है।

इंपीरियल कॉलेज लंदन, यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग और यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम समेत कई यूनिवर्सिटी की स्टडी में सामने आया है कि कोरोना का नया रूप काफी खतरनाक है। जहां लॉकडाउन के जरिए कोरोना के पुराने रूप को रोकना काफी हद तक आसान हो गया था, वहीं नए रूप के लिए इस तरह की योजनाएं असफल साबित हो रही हैं।

ब्रिटिश स्वास्थ्य विभाग की विशेषज्ञ डॉक्टर मीरा चंद ने बताया कि नए एनालिसिस बताते हैं कि कोरोना का नया रूप ज्यादा संक्रामक है और इसे रोकने के लिए आधारभूत चीजें पुराने की तरह ही हैं। मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना पहले की तरह ही जरूरी है। साथ ही प्रतिबंधों का पालन करना भी अहम है।