नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने वरिष्ठ पत्रकार कनक मणि दीक्षित की रिहाई का सोमवार (2 मई) को आदेश दिया। उन्हें अपने सार्वजनिक पद का दुरुपयोग कर आय के ज्ञात स्रोतों से ज्यादा संपत्ति रखने के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने गिरफ्तार किया था। उच्चतम न्यायालय ने 60 वर्षीय दीक्षित को 10 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने संबंधी विशेष अदालत के आदेश को रद्द कर दिया। काठमांडो घाटी में सेवा देने वाले नेपाली सार्वजनिक परिवहन ‘साझा यातायात’ के अध्यक्ष दीक्षित को सोमवार को उच्चतम न्यायालय में पेश किया गया।

उनकी पत्नी शांता दीक्षित की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने अधिकार दुरुपयोग मामलों की जांच करने वाले आयोग (सीआईएए) को पत्रकार को अपने समक्ष पेश करने का निर्देश दिया था।

शांता ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि दीक्षित को गैर-कानूनी तरीके से गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने अपनी याचिका में सीआईएए और विशेष अदालत को वादी बनाया है। दीक्षित को 22 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। उच्च रक्तचाप की शिकायत होने के बाद उन्हें अगले ही दिन अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया।