नए संविधान के विरोध में तथा और अधिकारों, समुचित प्रतिनिधित्व तथा प्रांतीय सीमाओं के पुर्ननिर्धारण जैसी अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों मधेशियों ने जब धरने पर बैठने का प्रयास किया तो उनकी नेपाल पुलिस के साथ रविवार (15 मई) को झड़प हो गई। देश के मुख्य प्रशासनीक क्षेत्र सिंहदरबार के आसपास प्रदर्शन के कारण घंटों यातायात बाधित रहा।

सरकारी दफ्तर खुलने से एक घंटे पहले सिंहदरबार और नयाबानेश्वर क्षेत्रों में करीब 2,000 प्रदर्शनकारी एकत्र हो गए। उन्होंने जबरन प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने का प्रयास किया, जिसके कारण दंगा-निरोधी पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गयी। महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालयों की सुरक्षा की जिम्मेदारी इसी बल की है।

प्रदर्शनकारियों के हाथों में तख्तियां थीं जिनपर सरकार-विरोधी और मधेशी-समर्थक नारे लिखे हुए थे। विभिन्न मधेशी राजनीतिक दलों और 22 अन्य जातीय समूहों के संगठन, फेडरल एलायंस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया। फेडरेशन सोशलिस्ट फोरम नेपाल के अध्यक्ष उपेन्द्र यादन ने मैतिघर मंडल में जबकि सदभावना पार्टी के अध्यक्ष राजेन्द्र महतो ने हनुमानथह में प्रदर्शन का नेतृत्व किया। क्षेत्र में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए तड़के से ही बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी मौजूद थे।

गठबंधन में शामिल दलों में से एक, नेपाल सदभावना पार्टी के उपाध्यक्ष लक्ष्मण लाल कर्ण ने कहा, ‘हमारी मांगों में आनुपातिक प्रतिनिधित्व, राज्य की विभिन्न तंत्रों में मधेशियों और अन्य वंचित तबकों को समेकित प्रतिनिधित्व तथा भाषा और नागरिकता प्रमाणपत्र संबंधी अधिकार शामिल हैं।’ गठबंधन ने काठमांडो में अपने ताजा प्रदर्शनों की शुरुआत शनिवार (14 मई) से की है।