नेपाल के एक शीर्ष माओवादी नेता ने कहा कि सरकार किसी भी कीमत पर संविधान संशोधन विधेयक वापस नहीं लेगी और संविधान लागू करने के लिए जल्द ही स्थानीय चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करेगी। सीपीएन माओइस्ट-सेंटर की स्थायी समिति के सदस्य अग्नि प्रसाद सपकोटा ने शनिवार (10 दिसंबर) को भरतपुर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘विधेयक पारित हो या ना हो, हमारी पार्टी सरकार से अलग नहीं होगी। इसके बजाय सरकार जल्द ही संविधान लागू करने के लिए स्थानीय चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करेगी।’ संविधान के कार्यान्वयन के लिए जनवरी 2018 तक स्थानीय, प्रांतीय एवं संघीय चुनाव कराना जरूरी है। संशोधन विधेयक में प्रांत संख्या पांच के विभाजन का प्रस्ताव है। सपकोटा ने विधेयक को लेकर किए जा रहे विरोध प्रदर्शनों की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘विधेयक में देश के पूरी स्थिति को ध्यान में रखते हुए पर्वतीय जिलों को प्रांत संख्या पांच से अलग करने का प्रस्ताव है।’
यह पूछे जाने पर कि क्या विदेशी ताकतों के इशारे पर संशोधन विधेयक पेश किया गया, सपकोटा न दावा किया कि यह मधेसियों की समस्याओं के हल के लिए पेश किया गया। मधेसियों की अधिकतर आबादी भारतीय मूल के लोगों की है। उन्होंने कहा, ‘हम संघवाद के मुद्दे पर पीछे नहीं हट सकते। हम इस तरह से नये तंत्र की स्थापना के लिए काम करेंगे कि वह लोगों की मांगों को पूरा करे।’ सपकोटा ने कहा कि संशोधन विधेयक किसी भी कीमत पर वापस नहीं लिया जाएगा क्योंकि यह मधेसी, थारू और आदिम मूल के समुदायों की मांगों पर ध्यान देने के लिए पेश किया गया है।