नेपाल में संविधान संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे मुख्य विपक्षी दल सीपीएन-यूएमएल के कम से कम 21 कार्यकर्ता पुलिस के साथ हुए संघर्ष में घायल हो गए। इस दौरान 70 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। पुलिस और सीपीएन-यूएमएल के पार्टी सदस्यों व पुलिस के बीच बुधवार को कैलाली जिले में संघर्ष हुआ। पार्टी के कार्यकर्ता आंदोलनरत मधेसी और अन्य जातीय समूहों की मांगों को पूरा करने के लिए नए प्रांत के निर्माण के लिए तैयार किए गए विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस के साथ संघर्ष में कम से कम 21 लोग घायल हो गए और 70 को गिरफ्तार किया गया। प्रधानमंत्री प्रचंड की अगुआई में गठबंधन सरकार ने मधेसी दलों और अन्य जातीय समूहों की नागरिक मामले व प्रांतीय सीमा के खाके समेत कुछ अहम मांगों को पूरा करने के लिए संविधान में संशोधन करने के लिए पिछले हफ्ते एक प्रस्ताव पंजीकृत किया था।

इसके बाद से विपक्षी दल इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं। इस बीच, सीपीएन-यूएमएल ने एक बयान जारी कर सरकार से कहा है कि वह प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए उसके पार्टी कार्यकर्ताओं को तत्काल रिहा करे। नेपाल के विपक्षी दलों- यूएमएल, सीपीएन-एमएल, राष्ट्रीय जनमोर्चा और नेपाल वर्कर्स पीजेंट्स पार्टी ने भी संविधान में संशोधन के प्रस्ताव के खिलाफ संसद की कार्यवाही को बाधित किया था। नेपाल पिछले साल सितंंबर में नए संविधान को मंजूरी दिए जाने के बाद से राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है।

यह संविधान देश को सात प्रांतों में बांटता है। आंदोलन कर रहे मधेसी दल चाहते हैं कि प्रांतीय सीमाओं के सीमांकन के समय पर्वतीय जिलों को मैदानों में नहीं मिलाया जाए, जिस संविधान की पिछले साल घोषणा की गई थी, उसे मधेसियों के विरोध के कारण लागू नहीं किया जा सका। मधेसी मोर्चे ने संविधान संशोधन विधेयक को पिछले सप्ताह समर्थन देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि यह अपने मौजूदा पक्षपातपूर्ण रूप में स्वीकार्य नहीं है। यूनाइटेड डेमोक्रेटिक मधेसी फ्रंट और फेडरल सोशलिस्ट फोरम नेपाल ने कहा था कि नेपाल सरकार ने विरोध के बावजूद जो संविधान संशोधन विधेयक संसद में पंजीकृ त कराया था, वे उसे स्वीकार नहीं कर सकते।