लाहौर शहर के एक होटल में 15 साल की एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार करने के मामले में आत्मसमर्पण करने वाले पाकिस्तान के सत्तारूढ़ दल पीएमएल-एन के एक शीर्ष नेता को सोमवार को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। पाकिस्तान मुसलिम लीग (नवाज) के पंजाब युवा मोर्चा के अतिरिक्त महासचिव और प्रांतीय खेल व शिक्षा मंत्री राणा मशहूद अहमद के निजी स्टाफ मियां अदनान और सात अन्य लोगों ने शुक्रवार को माल रोड स्थित एक होटल में दसवीं की एक छात्रा के साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया था। पुलिस उपमहानिरीक्षक हैदर अशरफ ने संवाददाताओं से कहा-‘हमने अदनान को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य सात पहले से ही पुलिस हिरासत में हैं।’ उन्होंने कहा- हमने सभी आठ आरोपियों को जिला व सत्र अदालत के समक्ष पेश किया, जहां से हमें तीन दिन की हिरासत मिली है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि मामले के मुख्य संदिग्ध अदनान ने रविवार शाम सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक की मौजूदगी में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। सूत्रों ने बताया कि संदिग्ध ने लड़की को होटल में बुलाया और उसे मॉडलिंग के अच्छे ऑफर देने का वादा किया। होटल में अदनान और उनके साथियों ने लड़की के साथ बलात्कार किया और वारदात के बाद वहां से फरार हो गए। बाद में लड़की को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। डॉक्टरों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार की पुष्टि की है। लड़की ने पुलिस को बताया कि अदनान ने सबजाजर हाउसिंग कालोनी स्थित उसके घर के पास से उसका अपहरण किया और होटल ले जाने से पहले उसे नशीला पदार्थ पिलाया। लड़की ने कहा कि बलात्कार का विरोध करने पर होटल के कमरे में मौजूद आरोपियों ने उसे प्रताड़ित किया।

पंजाब फॉरेंसिक साइंस एजंसी के रविवार को पीड़िता और आरोपी का डीएनए जांच किया था। पाकिस्तान दंड संहिता की धाराओं 376 (बलात्कार) और 506 (आपराधिक धमकी) का मामला संदिग्धों के खिलाफ दर्ज किया गया है। पुलिस ने अब आठों आरोपियों के खिलाफ अपहरण का मामला भी दर्ज कर लिया है। इस बीच मंत्री मशहूद अहमद ने अदनान के साथ कोई संबंध होने से इनकार किया है।

इससे पहले मामले की पड़ताल कर रहे थाना प्रभारी अहमद उस्मान ने बताया था कि पीड़िता को शारीरिक तौर पर टार्चर भी किया गया। बताया गया कि बलात्कार के बाद अभियुक्तों ने पीड़िता के घरवालों को संदेश भेज कर कहा कि वे आकर उसे (लड़की को) ले जाएं। पीड़ित लड़की आठवीं कक्षा की छात्रा है और अब अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है।

पाकिस्तान में बलात्कार के मामलों में जुर्म साबित करना आमतौर पर काफी मुश्किल होता है। अप्रैल 2011 में, पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार माई बलात्कार मामले में मौत की सजा पाए पांच मुजरिमों को बरी किए जाने के फैसले को सही ठहराया था। साल 2002 में, गांव की परिषद की ओर से दी गई सजा के तौर पर मुख्तार माई से सामूहिक बलात्कार किया गया था। मुख्तार माई के भाई (जो उस समय सिर्फ 12 साल का था) पर विरोधी कबीले की महिला से अवैध संबंधों का आरोप लगाया गया था। एक स्थानीय अदालत ने इस मामले में छह लोगों को सजा सुनाई लेकिन ऊपरी अदालत ने मार्च 2005 में इनमें से पांच को बरी कर दिया था और मुख्य अभियुक्त अब्दुल खालिक की सजा को उम्र कैद में बदल दिया था।

होटल में हुआ उत्पीड़न: लड़की ने पुलिस को बताया कि अदनान ने सबजाजर हाउसिंग कालोनी स्थित उसके घर के पास से उसका अपहरण किया और होटल ले जाने से पहले उसे नशीला पदार्थ पिलाया। लड़की ने कहा कि बलात्कार का विरोध करने पर होटल के कमरे में मौजूद आरोपियों ने उसे प्रताड़ित किया।