उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने युद्ध की स्थिति और सैनिकों की जरूरतों पर चर्चा करने के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की। रूस ने आरोप लगाया था कि देश में मिलाए गए क्रीमिया प्रायद्वीप स्थित काला सागर बेड़े के उसके मुख्यालय पर पिछले सप्ताह मिसाइलों से किए गए हमले की साजिश यूक्रेन के पश्चिमी सहयोगियों ने रची थी और उसे अंजाम देने में सहयोग किया था। रूस के इस आरोप के एक दिन बाद स्टोलटेनबर्ग ने जेलेंस्की से मुलाकात की।
जेलेंस्की ने जताई वायु रक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने की जरूरत
जेलेंस्की ने कहा कि स्टोलटेनबर्ग यूक्रेन के बिजली संयंत्रों और ऊर्जा बुनियादी ढांचे की रक्षा के लिए अतिरिक्त वायु रक्षा प्रणाली प्रदान करने में नाटो सदस्यों की मदद के वास्ते प्रयास करने पर सहमत हुए। उन्होंने महासचिव को रिहायशी क्षेत्रों में हुए हमलों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा, यूक्रेनी नागरिकों, हमारे शहरों, हमारे बंदरगाहों के खिलाफ इस तरह के हमलों से निपटने के लिए हमें अपनी वायु रक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने की जरूरत है।
युद्ध समाप्त करने के लिए यूक्रेन को मजबूत करने पर जोर
स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि नाटो के पास यूक्रेन के लिए 2.4 अरब यूरो (2.5 अरब डॉलर) के गोला-बारूद का अनुबंध है और इसमें 155 मिमी होवित्जर गोले, टैंक रोधी निर्देशित मिसाइल और टैंक गोला-बारूद शामिल हैं। उन्होंने कहा, यूक्रेन जितना मजबूत होगा, हम रूस के हमले को समाप्त करने के उतने ही करीब होंगे। उन्होंने कहा, रूस आज हथियार डालकर युद्ध समाप्त कर सकता है। यूक्रेन के पास ऐसा विकल्प नहीं है। यूक्रेन के आत्मसमर्पण का मतलब शांति नहीं होगा। इसका मतलब रूसी कब्जा होगा।
रूस के रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोव ने कहा था, इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमले की योजना पश्चिमी खुफिया एजेंसियों, नाटो के उपग्रहों से ली गई तस्वीरों और टोही विमानों का उपयोग करके पहले से बनाई गई थी।