प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद हुए सोवियत सैनिकों की याद में यहां बनाए गए स्मारक पर जाकर पुष्पचक्र अर्पित किया। वे कड़ाके की ठंड के बीच अज्ञात सैनिकों के युद्ध स्मारक पर जलती ज्योति के करीब कुछ मिनट तक खड़े रहे जिसकी रोशनी में स्मारक की कांस्य पट्टिका पर लिखे ये शब्द चमक रहे थे-‘आपका नाम अज्ञात है, आपका काम अमर है।’ रूसी सैन्य बैंड के बीच मोदी ने स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित किया। वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महात्मा गांधी की डायरी का एक हस्तलिखित पन्ना और बंगाल की एक 18वीं सदी की तलवार उपहार स्वरूप प्रदान की।
1941 में ‘मास्को की लड़ाई’ में शहीद हुए रूसी सैनिकों के अवशेषों को शुरुआत में जेलेनोग्राद शहर में लेनिनग्राद राजमार्ग से 40 किलोमीटर दूर शित्यकी स्मारक में सामूहिक कब्र में दफनाया गया था। दिसंबर 1966 में इस युद्ध की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर इन अवशेषों को क्रेमलिन वॉल पर लाकर दफनाया गया। ‘गुमनाम सैनिकों के स्मारक’ का डिजाइन वास्तुशिल्पी डीआइ बुर्दिन, वीए कलिमोव, यू आर रबायेव और शिल्पकार निकोलाई तोम्स्की ने तैयार किया था।
आठ मई 1967 को इस स्मारक का उद्घाटन किया गया था। गहरे लाल रंग के इस स्मारक पर एक बैनर के ऊपर सैनिक का हेलमेट रखा हुआ है और इस पर कांसे का काम किया हुआ है। स्मारक पर ज्योति अनवरत जलती रहती है। स्मारक के बायीं तरफ एक ग्रेनाइट की दीवार पर गुदा हुआ है ‘1941 : मातृभूमि के लिए शहीद होने वाले 1945’। मकबरे के दायीं ओर ग्रेनाइट पर सेंट पीटर्सवर्ग, कीव, वोल्गोग्राद, ओड़ीसा, सेवास्तोपोल, मिंस्क, केर्च, नोर्वोसेइस्क, तुला और ब्रेस्ट जैसे सेनानियों के नाम हैं। द्वितीय विश्वयुद्ध के समय वोल्गोग्राद प्लेट का नाम बदलकर स्टालिनग्राद कर दिया गया था।
दूसरी ओर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महात्मा गांधी की डायरी का एक हस्तलिखित पन्ना और बंगाल की एक 18वीं सदी की तलवार उपहार स्वरूप प्रदान की। बुधवार की रात क्रेमलिन में दोनों नेताओं के बीच निजी मुलाकात के दौरान रूसी राष्ट्रपति ने मोदी को यह उपहार प्रदान किया।
दो दिवसीय रूस यात्रा पर यहां आए मोदी ने ट्वीट किया, ‘राष्ट्रपति पुतिन ने मुझे गांधीजी की डायरी का एक पन्ना भेंट किया जिस पर बापू की हाथ से लिखी हुई टिप्पणियां हैं। राष्ट्रपति पुतिन ने एक 18वीं सदी की बंगाल की तलवार भी उपहार में दी है जिस पर चांदी के तारों की नक्काशी की गई है। मैं उपहार के लिए उनका शुक्रिया अदा करता हूं।’
18वीं सदी की तलवार नजाफी राजवंश से ताल्लुक रखती है। पुतिन ने क्रेमलिन में मोदी से निजी बातचीत की और उसके बाद रात्रिभोज दिया गया जिसमें दोनों नेताओं ने दोनों देशों के साझा हितों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की।