नेपाल में बुधवार से शुरू हुए सार्क सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ का आमना-सामना नहीं हुआ। सम्मेलन के लिए दोनों एक मंच पर पहुंचे, लेकिन एक-दूसरे की ओर देखे बिना आगे बढ़ गए।
नेपाल की राजधानी काठमांडू में आज 18वीं दक्षेस शिखर बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक का थीम है ‘शांति और समृद्धि के लिए मजबूत क्षेत्रीय एकीकरण’। आज 26/11 मुंबई आतंकी हमले की छठी बरसी भी है। उम्मीद है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस शिखर बैठक में पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ की मौजूदगी में मुंबई आतंकी हमले के मामले को उठाएंगे। 11.30 बजे पीएम मोदी सार्क को संबोधित करेगे।
इसस पहले आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई हमलों में मारे गए लोगों को आज श्रद्धांजलि दी तथा लोगों की रक्षा करते हुए शहीद होने वाले सुरक्षाकर्मियों को नमन किया। आतंकी हमले की छठी बरसी पर मोदी ने आतंकवाद से लड़ने और समाज से इसे उखाड़ फेंकने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।
18वें दक्षेस शिखर सम्मेलन में शामिल होने कल यहां पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, हम 2008 में आज के दिन हुए भयावह आतंकी हमलों को याद करते हैं तथा जान गंवाने वाले निर्दोष स्त्री-पुरुषों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हम उन वीर सुरक्षाकर्मियों को नमन करते हैं जिन्होंने उस दिन अनेक जिन्दगियों की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। वे हमारे असली नायक हैं। आज का दिन आतंकवाद की बुराई से मिलकर लड़ने और इसे समाज से उखाड़ फेंकने की हमारी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि करने का है।
पाकिस्तान आधारित आतंकवादियों द्वारा 26 नवंबर 2008 को मुंबई में किए गए बड़े आतंकी हमलों में 166 लोग मारे गए थे और सैकड़ों अन्य घायल हो गए थे। दुनियाभर में इस आतंकी कृत्य की व्यापक निन्दा हुई थी। सार्क के सभी आठ सदस्य देश अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के प्रतिनिधि सम्मेलन को संबोधित करेंगे। सार्क के इस दो दिवसीय सम्मेलन में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, चीन, यूरोपियन यूनियन, ईरान, जापान, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, मॉरिशस और म्यांमार के पर्यवेक्षक मौजूद रहेंगे।
इस सम्मेलन में सार्क देशों के बीच यातायात बढ़ाने, व्यापार उदारीकरण, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, पर्यावरण संबंधी परेशानियों पर चर्चा हो सकती है। इसके अलावे स्वास्थ्य, शिक्षा और ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी जोर दिया जा सकता है।