प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की आजादी की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभानेवाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते सूर्या बोस से वादा किया है कि वह देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल के दौरान नेताजी पर निगरानी के आरोपों की गंभीरता से जांच करेंगे।

जर्मनी में भारत के राजदूत द्वारा मोदी के सम्मान में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में भाग लेने आये बोस ने कहा कि मोदी ने नेहरू जी के कार्यकाल में नेताजी के परिजनों और खुद उनकी जासूसी संबंधी आरोपों पर संज्ञान लेते हुए इसकी गंभीरतापूर्वक जांच करने का आश्वासन दिया है।

मोदी ने कहा कि उन्होंने खुद वह फाइल नहीं देखी है इसलिए अभी तुरंत तो कुछ नहीं कह सकते हैं लेकिन वह फाइल खुलवाकर जांच करने की पूरी कोशिश करेंगे।

बोस ने कहा कि भारत के लोग नेताजी का सच जानना चाहते हैं और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस मामले में सकारात्मक रवैये से काफी उम्मीद बंधी है। इसके पहले की मनमोहन सिंह सरकार ने इस मामले में कुछ नहीं किया क्योंकि उन्हें इससे नेहरू परिवार की छवि खराब होने का डर था।

उन्होंनें हाल ही में एक किताब में किये गये खुलासों के बारे में कहा कि यह उनके लिये कोई नई बात नहीं है। वह जब भी यहां सुभाष चंद्र बोस के बारे में कोई लेक्चर देने जाते थे, तो भारतीय दूतावास और रॉ के लोग पहुंच जाते थे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को सच का पता लगाना चाहिये।

बोस ने कहा कि पिछली सरकार के समय से वह नेताजी से जुड़ी जानकारियों को जुटाने के लिये प्रयासरत रहे। मगर तब की सरकार ने इन दस्तावेज़ों को अवर्गीकृत करने से मना कर दिया था। उसका कहना था कि इससे कानून व्यवस्था का संकट होगा और मित्र देशों के साथ समस्याएं होगीं। उन्होंने कहा कि अब ये काम शुरू हुआ है तो उम्मीद है कि कुछ हो सकेगा।

(इनपुट भाषा से)