म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार को भीषण भूकंप आया है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7 से भी ज्यादा दर्ज की गई है। कई लोग मिसिंग हैं, कई की मौत हुई है और बिल्डिंग्स को भारी नुकसान हुआ है। इस भूकंप के कई ऐसे वीडियो भी अब सामने आ रहे हैं जिन्हें देख लोग खौफजदा हो चुके हैं। भारत सरकार ने तत्काल सहायता का ऐलान कर दिया है, हर तरह की मदद देने की कोशिश है। यहां जानिए 10 बड़े अपडेट्स
- म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप में अब तक 144 लोगों की मौत हो चुकी है। 700 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। रेस्क्यू में लगे अधिकारियों के मुताबिक मौत का आंकड़ा और ज्यादा बढ़ सकता है।
- थाईलैंड में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं, वहां भी कई बिल्डिंग जमींदोज हो चुकी हैं। अभी तक एक बिल्डिंग गिरने से तीन लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
- बैंकॉक में जितने भी बिल्डिंग इस भूकंप में ध्वस्त हुई हैं, उनमें से ज्यादातर ऐसी रहीं जिनका निर्माण जारी था, इसी वजह से वहां पर मौत का आंकड़ा ज्यादा दिखाई नहीं दे रहा है।
- म्यांमार को आफ्टर शॉक के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है। अगले 6 घंटे में म्यांमार में भूकंप के कुछ और झटके आ सकते हैं। अभी के लिए Sagaing, Mandalay, Magway जैसे इलाकों में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है।
- म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर Mandalay में भूकंप से भारी तबाही देखने को मिली है। जो तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें बड़ी-बड़ी बिल्डिंग ध्वस्त हुई हैं। ज्यादा तबाही इसलिए देखने को मिल रही है क्योंकि Mandalay एपीसेंटर के काफी करीब था।
- बैंकॉक में एक जो बड़ी बिल्डिंग जमीदोंज हुई है, उस वजह से 70 लोग इस समय लापता बताए जा रहे हैं। पहले कहा गया था कि यह आंकड़ा 43 है।
- म्यांमार में आएक भूकंप ने कई ऐतिहासिक इमारतों को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। इस भूकंप में 90 साल पुराना अवा ब्रिज इरावदी नदी में गिर गया। ऐतिहासिक मांडले पैलेस के क्षतिग्रस्त हिस्से भी कई वीडियो में दिखे हैं
- इस भूकंप को लेकर पीएम मोदी ने दो टूक कहा है कि भारत हर संभव मदद करने के लिए पूरी तरह तैयार है। विदेश मंत्रालय से भी दोनों म्यांमार और थाईलैंड सरकारों के साथ संपर्क में रहने के लिए कहा गया है।
- म्यांमार में इस समय सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वहां पर मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए पर्याप्त मशीनें नहीं हैं। इस वजह से ही रेस्क्यू टीम को अपने हाथों से ही शवों को बाहर निकालना पड़ रहा है।
- म्यांमार में कितना नुकसान हुआ है, इसकी पूरी जानकारी नहीं मिल पा रही है। सैन्य शासन की वजह से बड़े स्तर पर सेंसरशिप चल रही है, ऐसे में सारे आंकड़े सामने नहीं आ रहे।