म्यांमा में दशकों के सैन्य शासन के बाद आंग सान सू ची की असैन्य सरकार के सत्ता संभालने से कुछ दिनों पहले सेना प्रमुख ने देश को लोकतंत्र के मार्ग पर बनाए रखने का संकल्प किया। सीनियर जनरल मिन आंग लेंग ने सेना की ताकत के प्रदर्शन के सालाना समारोह में यह टिप्पणी की। उन्होंने सशस्त्र बल दिवस के मौके पर कहा, ‘मैं पूरी ईमानदारी से इस तथ्य को रखना चाहता हूं कि तातमादाव (सेना) देश और इसके नागरिकों के लिए समृद्धि लाने में सहयोग करेगी।’

म्यांमा के सेना प्रमुख ने कहा कि देश के लोकतंत्रीकरण में दो मुख्य बाधाएं हैं। पहली बाधा कानून और नियमों का पालन कराने में नाकामी तथा दूसरी बाधा सशस्त्र उग्रवादियों की मौजूदगी है। उन्होंने कहा कि जब इन दो बाधाओं से उचित ढंग से निजात पा लिया जाएगा तब लोकतंत्र के मार्ग पर आगे की ओर बढ़ना होगा। सालों तक सैन्य शासन के कारण अलग-थलग रहने के बाद म्यांमा साल 2011 से राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में बढ़ रहा है। पिछले साल नवंबर में हुए आम चुनाव में सू ची की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी ने जीत दर्ज की थी। बुधवार को लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकार सैन्य समर्थित प्रशासन की जगह लेगी।