प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने आपसी ‘विश्वास’ को मजबूत बनाने और भारत एवं चीन की सीमाओं पर शांति बनाये रखने के बारे में आज चर्चा की । दोनों देशों के बीच दशकों पुराने सीमा विवाद के कारण रिश्तों में अक्सर खटास की स्थिति देखने को मिलती है।
मोदी और शी के बीच इस शहर में विस्तृत चर्चा हुई । पहली बार किसी चीनी राष्ट्रपति ने बीजिंग से बाहर इस स्तर की चर्चा की है। इस बैठक के दौरान विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई जिसमें राजनीतिक, आर्थिक, आतंकवाद, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह :एनएसजी: में भारत की सदस्यता जैसे वैश्विक मुद्दे शामिल हैं।
विदेश सचिव एस जयशंकर ने मीडिया को 90 मिनट तक चली शिष्टमंडल स्तरीय वार्ता के बारे में जानकारी दी हालांकि कोई सवाल नहीं लिए।
जयशंकर ने कहा, ’‘ राजनीतिक क्षेत्र में विश्वास को मजबूत बनाने और नजदीकियां बढ़ाने के बारे में काफी चर्चा हुई ।’’
विदेश सचिव ने बताया कि दोनों नेताओं ने सीमा मुद्दों के बारे में चर्चा की जिसमें शांति एवं स्थिरता का विषय शामिल है। इसके अलावा सीमा के आरपार बहने वाली नदियों के बारे में भी चर्चा हुई ।
उल्लेखनीय है कि सीमा मुद्दा एशिया के इन दो महत्वपूर्ण देशों के बीच बाधाकारी बिन्दु रहा है और दोनों देश विशेष प्रतिनिधि स्तारीय वार्ता के जरिये इसे सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं। विशेष प्रतिनिधियों के बीच अब तक 18 दौर की वार्ता हो चुकी है।
चीन का कहना है कि सीमा विवाद केवल 2000 किलोमीटर तक सीमित है जो अधिकांश रूप से अरूणाचल प्रदेश में है। जबकि भारत जोर देता रहा है कि यह विवाद पश्चिमी क्षेत्र तक 4000 किलोमीटर क्षेत्र में है जिसमें अक्साई चिन शामिल है जो पाकिस्तान की ओर से चीन को दिया गया।
बैठक के माहौल का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘‘ माहौल काफी सहज था। इसलिए एक तरह से यह दोनों नेताओं के बीच आपसी समझ तैयार करने का हिस्सा है जो पिछले वर्ष सितंबर में शुरू हुई है।’’
प्रधानमंत्री मोदी तीन दिनोंं की चीन यात्रा के पहले पड़ाव पर आज सुबह प्राचीन शहर शियान पहुंचे और यहां उनका शानदार स्वागत किया गया।

चीनी राष्ट्रपति शी सामान्य प्रोटोकाल से हटकर अपने गृह नगर शियान में मोदी के साथ बैठक कर रहे हैं। आम तौर से चीनी राष्ट्रपति राजधानी बीजिंग में ही विदेशी मेहमानों से मिलते हैं। इसे चीनी नेता की ओर से उस आचार व्यवहार का प्रत्युत्तर माना जा रहा है जैसा शी की भारत यात्रा के दौरान मोदी ने अहमदाबाद में उनकी मेजबानी करते हुए किया था।
आर्थिक मोर्चे पर मोदी और शी ने व्यापार घाटे के मुद्दे पर चर्चा की जो अभी चीन के पक्ष में है। इस विषय को सुलझाने के रास्तों के बारे में भी चर्चा की गई।
जयशंकर ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच निवेश के माहौल एवं सुधार से जुड़ी चुनौतियों के बारे में भी चर्चा हुई।
उन्होंने कहा कि इस परिदृश्य में चीनी राष्ट्रपति ने मोदी के मुख्यमंत्री रहते ‘गुजरात के चमत्कार’ के बारे में चर्चा की और यह कहा कि वह अब प्रधानमंत्री के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर भी ऐसे प्रयास कर रहे हैं।
विदेश सचिव ने कहा कि दोनों नेताओं ने आज काबुल में और कल कराची में हुए आतंकी हमलों के संदर्भ में आतंकवाद की समस्या के बारे में चर्चा की।
जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को मजबूत बनाने की जरूरत भी महसूस की गई।
मोदी ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र संधि पर बातचीत को जल्द पूरा करने की जरूरत पर जोर दिया जो काफी समय से संयुक्त राष्ट्र में लंबित है।
प्रधानमंत्री और चीनी राष्ट्रपति ने सम्पर्क एवं दोनों देशों के मिलकर काम करने के रास्ते तलाशने के बारे में भी चर्चा की।
मोदी और शी के बीच चर्चा के दौरान नेपाल में आए विध्वंसकारी भूकंप का विषय भी उठा और दोनों नेताओं ने इस विषय पर चर्चा की कि भारत और चीन दोनों किस तरह पड़ोसी देश की मदद के लिए आगे आए।
दोनों नेताओं के बीच चर्चा के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सदस्यता के लिए भारत के प्रयासों के बारे में भी चर्चा हुई।
इससे पहले, शी ने यहां शंग्झी गेस्ट हाउच्च्स में मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया और दोनों नेताओं ने एक दूसरे के साथ हाथ मिलाते हुए फोटो खिंचवाए।
अपने आरंभिक संबोधन में मोदी ने राजधानी बीजिंग के इतर यहां आकर उनका गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए चीनी राष्ट्रपति की सराहना की। काले बंद गले का सूट पहने मोदी ने कहा, ‘‘ यह सवा सौ करोड़ भारतीयों के लिए सम्मान की बात है जिसका मैं प्रतिनिधित्व कर रहा हूं।’’
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पिछले वर्ष सितंबर में अहमदाबाद की यात्रा को याद करते हुए कहा, ‘‘ आपने अपने गृह नगर में काफी गर्मजोशी से मेरी अगवानी की थी। मुझे आपको मेरे गृह नगर में स्वागत करते हुए हर्ष हो रहा है।’’
मोदी ने अपनी बात हिन्दी में रखी, वहीं शी ने चीनी भाषा में।
चीन की तीन दिनों की यात्रा के दौरान शियान के बाद मोदी बीजिंग और शंघाई जायेंगे। मोदी ने उम्मीद जताई कि उनकी इस यात्रा से दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और गहरा होगा तथा द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने का खाका तैयार करने के साथ एशिया एवं विकासशील देशों के लिए नया मील का पत्थर स्थापित होगा।
प्रधानमंत्री बनने के बाद अपनी पहली चीन यात्रा पर मोदी आज सुबह प्राचीन शहर शियान पहुंचे और यहां उनका शानदार स्वागत किया गया।
मोदी और शी के बीच एक वर्ष की अवधि में यह तीसरी मुलाकात है और इस दौरान दोनों नेताओं के बीच विस्तृत चर्चा हुई है।
प्रधानमंत्री के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल, विदेश सचिव एस जयशंकर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी गए हैं।