सूर्य के प्रचंड तापमान वाले वातावरण को टटोलने और इस तारे तक मानवों के पहले मिशन के उद्देश्य से डेढ अरब डॉलर के नासा के अंतरिक्षयान के प्रक्षेपण की आज उल्टी गिनती शुरू हुई। कार के आकार का अंतरिक्षयान ‘पारकर सोलर प्रोब’ कल तड़के फ्लोरिडा के केप केनवरल से डेल्टा 4 हैवी राकेट के साथ प्रक्षेपित किया जाना है। नासा ने कहा कि प्रक्षेपण स्थानीय समयानुसार सुबह तीन बजकर 33 मिनट पर शुरू होगा और मौसम पूर्वानुमान 70 प्रतिशत प्रक्षेपण के पक्ष में है। इस यान का मुख्य लक्ष्य सूर्य की सतह के आसपास के असामान्य वातावरण के गूढ रहस्यों का पता लगाना है। सूर्य की सतह के ऊपर का क्षेत्र (कोरोना) का तापमान सूर्य की सतह के तापमान से करीब 300 गुना ज्यादा है।
मिशीगन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और परियोजना वैज्ञानिकों में शामिल जस्टिन कास्पर ने कहा, ‘‘पारकर सोलर प्रोब हमें इस बारे में पूर्वानुमान लगाने में बेहतर मदद करेगा कि सौर हवाओं में विचलन कब पृथ्वी को प्रभावित कर सकता है।’’ इस यान को केवल साढे चार इंच (11.43 सेंटीमीटर)मोटी ऊष्मा रोधी शील्ड से सुरक्षित किया गया है जो इसे सूर्य के तापमान से बचाएगी।
पहली बार सूर्य को अत्यंत करीब से जानने की कोशिश में नासा का मानवीय अभियान ‘पार्कर सोलर प्रोब’ लॉन्च कर रहा है। इस अभियान के तहत अंतरिक्ष यान के कूच करने से पहले उसकी सारी तैयारी पूरी कर ली है। अंतरिक्ष एजेंसी की ओर से एक बयान में बताया गया कि नासा के पार्कर सोलर प्रोब के लांचिंग पैड के लिए रवाना होने से पहले स्वच्छ कमरे में उसकी अंतिम प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। लांचिंग पैड पर इसे लांच वीकल से जोड़ा गया। नासा ने इस अभियान को ऐतिहासिक बताते हुए कहा, “इससे सूर्य के संबंध में हमारी समझ में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।”
Ready for liftoff! The Parker #SolarProbe, our mission to touch the Sun, will have its first chance to liftoff on Saturday, Aug. 11, at 3:33am ET. Launch teams are working no technical issues & weather is predicted to be 70% chance of favorable conditions: https://t.co/hAs4MPVfvc pic.twitter.com/tbNjrKxIuQ
— NASA (@NASA) August 9, 2018
पार्कर सोलर प्रोब सूर्य के अत्यंत निकट के क्षेत्र से गुजरेगा जहां से आज तक कोई अंतरिक्ष यान नहीं गुजर पाया है। इसे सूर्य के ताप और विकरण के भयानक प्रभाव का सामना करना पड़ेगा। आखिरकार यह धरती से सबसे निकट के तारे के अत्यंत करीब के हालात के बारे में जानकारी जुटाएगा। सबसे बड़े ऑपरेशनल लांच वीकल का इस्तेमाल होने के अलावा डेल्टा-4 हैवी, पार्कर सोलर प्रोब सूर्य के करीब पहुंचने के लिए जरूरी तीसरे चरण के रॉकेट का उपयोग करेगा। इसमें मंगलग्रह पर जाने में खपत होने वाली ऊर्जा की तुलना में 55 गुना ज्यादा ऊर्जा की खपत होगी।