यूक्रेन में जारी हमले में मारे गए भारतीय छात्र को सुरक्षा के लिए उसके परिवार ने अपनी ब‍िल्‍ड‍िंग के बाहर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लगाने की सलाह दी थी। रूस और यूक्रेन की जंग में खारकीव में मारे गए कर्नाटक के नवीन की उसके पर‍िवार वालों से बातचीत का जो एक वीड‍ियो सामने आया है, उससे यह बात पता चलती है।

कर्नाटक के 21 वर्षीय मेडिकल छात्र नवीन शेखरप्पा की यूक्रेन के खारकीव शहर में रूसी गोलाबारी में उस वक्त मौत हो गई थी, जब वह पास के किराना स्टोर से खाना लेने निकला था। नवीन और उसके पर‍िजनों की फोन पर बातचीत का जो वीड‍ियो सामने आया है उससे ऐसा लगता है क‍ि नवीन और अन्‍य भारतीय छात्र एक बंकर में शरण ल‍िए हुए थे, जहां से ‘बस दो फीसदी लोग न‍िकलने में कामयाब हो पा रहे थे’। यह पूछने पर क‍ि तुम क्‍यों नहीं न‍िकले, नवीन ने बताया क‍ि बड़ी भागमभाग थी और हालात खराब थे।

नवीन के पर‍िजन ने उससे कहा क‍ि यदि आपके पास एक बड़ा झंडा है, तो इसे आप अपनी उस इमारत पर लगाएं जिसमें आप रहते हैं। झंडा बाहर दिखता रहे। पर‍िजन ने कहा क‍ि झंडा रखो, अपनी भाषा इस्‍तेमाल करो और न‍िकलने की कोश‍िश करो।

व‍िदेश मंत्रालय ने भारतीय छात्रों को कीव से न‍िकल कर पश्‍च‍िमी यूक्रेन के सीमाई शहरों में जाने की कोश‍िश करने की सलाह दी थी। लेक‍िन, छात्रों के कई वीड‍ियो ऐसे सामने आए ज‍िनसे लग रहा था क‍ि उन्‍हें ट्रेनों में चढ़ने नहीं द‍िया जा रहा था और उनके साथ बदसलूकी की जा रही थी।

छात्र ने कहा था कि ऐसी जानकारी मिली है कि अब ट्रेनें चलने लगी हैं और सुबह 6 बजे, 10 बजे और दोपहर 1 बजे एक-एक ट्रेन है। पर‍िजन ने नवीन को सुझाव दिया था कि 40-50 किमी दूर जाने पर कोई रास्ता रास्ता निकल सकता है।

उधर, रूस और यूक्रेन के बीच मंगलवार को छठे दिन भी युद्ध जारी रहा। रूसी सैनिक यूक्रेन के कई शहरों में भारी बमबारी कर रहे हैं। रूस राजधानी कीव को चारों ओर से घेरने की कोशिशों में जुटा है। इसी क्रम में रूस ने कीव के टीवी टॉवर और यूक्रेन में यहूदी नरसंहार के मुख्य स्मारक समेत अन्य असैन्य स्थलों को निशाना बनाते हुए हमले किए।