पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खर ने स्वीकार किया है कि उनके देश में सेना राजनीतिक मामलों में दखल देती है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को काम करने की आजादी नहीं है। पाकिस्तान के अखबार ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, हिना रब्बानी ने पूर्व रक्षा मंत्री चौधरी अहमद मुख्तार के उस दावे को गलत बताया जिसमें मुख्तार ने कहा था कि सरकार जानती थी कि लादेन कहां है? उन्होंने कहा, ‘मुख्तार नहीं जानते कि वह क्या कह रहे हैं? मुख्तार को रक्षा या विदेश मामलों की कोई जानकारी नहीं है।’
आतंकवाद को पाकिस्तान में संरक्षण के सवाल पर हिना ने कहा, ‘यह आरोप गलत हैं। पाकिस्तान के पास अपनी सीमाओं में किसी भी टेरर ग्रुप को सपोर्ट करने की ताकत ही नहीं थी।’ उन्होंने कहा कि किसी भी टेरर नेटवर्क को फंड किए जाने को लेकर भी पाकिस्तान की कोई पॉलिसी नहीं रही है।
कश्मीर के मामले पर हिना ने कहा, अगर कश्मीर के लोग यह तय कर लेते हैं कि उन्हें भारत या पाकिस्तान के साथ या फिर इंडिपेंडेंट स्टेट के रूप में रहना है तो मेरे लिए यह खुशी की बात होगी। उनके मुताबिक, वैसे तो इंडिपेंडेंट स्टेट की बात यूएन सिक्युरिटी काउंसिल के कश्मीर मुद्दे के रेजोल्यूशन में नहीं है।