19 जुलाई 2024 की तारीख दुनिया कभी नहीं भूलने वाली है क्योंकि उसने एक भयंकर डिजिटल भूकंप का सामना किया। यह भूकंप था माइक्रोसॉफ्ट सिस्टम का पूरी दुनिया में क्रैश हो जाना। किसने सोचा था कि चंद मिनटों में फ्लाइटें कैंसिल हो जाएंगी, टीवी चैनल ऑफ एयर हो जाएंगे, बैंकिंग सेवा ठप पड़ जाएगी। लेकिन सबकुछ हुआ और वो भी सिर्फ एक सिस्टम क्रैश की वजह से। 8 Points में आपको समझाते हैं इस डिजिटल भूकंप की कहानी-
- शुक्रवार सुबह पांच बजे माइक्रोसॉफ्ट ने इस बात की जानकारी दी कि उसका सिस्टम क्रैश हो गया है। शुरुआत में ही साफ कर दिया गया था कि गलती माइक्रोसॉफ्ट की नहीं बल्कि किसी थर्ड पार्टी की थी। लेकिन उस एक गलती की वजह से दुनिया कई अहम सर्विस पर इसका असर पड़ा।
- अब बताया यह जा रहा है कि एक एंटी वायरस कंपनी जिसके एक अपडेट ने यह सारा खेल किया है। इस कंपनी का नाम क्राउडस्ट्राइक है। आसान शब्दों में बोलें तो कम्प्यूटर को सभी तरह के वायरस से बचाने की जिम्मेदारी इसकी रहती है। लेकिन इस बार इसी कंपनी का एक ऐसा अपडेट आया जिसने माइक्रोसॉफ्ट सिस्टम को क्रैश कर डाला।
- अब क्राउडस्ट्राइक तो एक बड़ी कंपनी है, उसके कई सारे प्रोडक्ट हैं, काम सभी का एंटी वायरस वाला है। ऐसा ही एक प्रोडक्टर है फैल्कन नाम का। यह जो सिस्टम क्रैश हुआ है, उसका मेन विलेन यह फैल्कन ही है। उसमें एक एरर आने की वजह से माइक्रोसॉफ्ट कम्प्यूटर्स की स्क्रीन ब्लू हो गई थी, सबकुछ ठप होने लगा था।
- अब उस एक गलत अपडेट का हर्जाना पूरी दुनिया ने 15 घंटे तक भुगता। बताया जा रहा है कि पूरी दुनिया में कुल 14 हजार फ्लाइटें कैंसिल करनी पड़ गई हैं। कई फ्लाइट घंटों की देरी से चल रही हैं। सिडनी हवाई अड्डा, शिफोल हवाई अड्डा, सभी स्पेनिश हवाई अड्डे, बर्लिन हवाई अड्डा, प्राग हवाई अड्डा, एडिनबर्ग हवाई अड्डा, डसेलडोर्फ हवाई अड्डा और बर्लिन हवाई अड्डा पर यातायात सबसे ज्यादा प्रभावित होता दिखा था।
- मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु समेत पूऱे देश के एयरपोर्ट्स पर भी आउटेज की वजह से अफरा-तफरी की स्थिति बनती दिख गई। हैरानी की बात यह रही कि स्टाफ को हाथों से वेब चेक इन करवाना पड़ रहा था। बोर्डिंग पास भी मैन्युअल तरीके से बनाने पड़ रहे थे। उस वजह से कई एयरपोर्ट्स पर यात्रियों का भी गुस्सा फूटा।
- माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ और चेयरमैन सत्या नडेला ने ट्वीट किया, ‘कल CrowdStrike ने एक अपडेट रिलीज किया जिससे दुनियाभर में आईटी सिस्टम पर असर पड़ा। हमें इस समस्या के बारे में जानकारी है और CrowdStrike के साथ मिलकर हम काम कर रहे हैं और इंडस्ट्री में सभी को कस्टमर टेक्निकल गाइडेंट और सपोर्ट दे रहे हैं ताकि उनके सिस्टम वापस ऑनलाइन आ सकें
- बैंकिंग की दुनिया पर भी इस आउटेज का असर साफ देखने को मिला। आरबीआई के मुताबिक भारत के तो सिर्फ 10 बैंक थोड़े बहुत प्रभावित हुए थे। लेकिन ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, न्यूजीलैंड जैसे देशों में बड़े स्तर पर बैंक पर भी असर देखने को मिला।
- अब सर्विसेस पर तो असर पड़ा ही, खरबों रुपये का नुकसान भी हुआ है। सबसे तगड़ा झटका तो खुद माइक्रोसॉफ्ट को लगा है जिसने 19.25 खरब रुपयों का नुकसान झेला है। माइक्रोसॉफ्ट के जो शेयर थे, उनकी कीमत में भी बड़े स्तर पर कटौती देखने को मिली।