PNB Case, Mehul Choksi News: पीएनबी बैंक धोखाधड़ी मामला, मेहुल चोकसी गिरफ्तारी समाचार: पंजाब नेशनल बैंक से लोन धोखाधड़ी मामले में आरोपी भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को पुलिस ने बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया है। चोकसी के वकील ने कहा कि उसकी गिरफ्तारी के खिलाफ अपील दायर करने की प्रक्रिया जारी है। चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने सोमवार सुबह इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘जमानत पर उनकी रिहाई की हमारी अपील मुख्य तौर पर मेडिकल के आधार पर होगी। उनका कैंसर का इलाज चल रहा है। हम यह भी तर्क देंगे कि उनके भागने का कोई खतरा नहीं है।’

वकील ने कहा कि मामले की सुनवाई पांच दिन बाद ही हो सकेगी, उसके बाद ही जमानत के लिए अपील दायर करेंगे। साल 2018 में चोकसी को 13,000 करोड़ रुपये के पीएनबी मामले में आरोपी बनाया गया था। इसमें कथित तौर पर बैंक से धोखाधड़ी वाले लेटर ऑफ अंडरटेकिंग हासिल की थी। इससे बैंक को काफी नुकसान पहुंचा। इस मामले में यह भी कहा जाता है कि इसमें बैंकों के अधिकारियों की भी मिलीभगत थी।

ईडी ने दायर की थी याचिका

ईडी ने 2018 में भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के तहत एक याचिका दायर की थी। चोकसी ने उसे भगोड़ा घोषित करने की कार्यवाही को चुनौती देते हुए कई आवेदन दायर किए हैं। मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने अभी तक इन आवेदनों पर कोई भी फैसला नहीं किया है। पिछली सुनवाई के दौरान चोकसी के वकीलों ने कहा था कि वह कैंसर का इलाज कराने के लिए बेल्जियम में था।

भगोड़ा कारोबारी मेहुल चोकसी बेल्जियम में गिरफ्तार

चोकसी पर बैंक से धोखाधड़ी का आरोप

गीतांजलि ग्रुप के मालिक पर अपने भतीजे नीरव मोदी, उनकी पत्नी अमी मोदी और उनके भाई नीशाल मोदी के साथ सरकारी पंजाब नेशनल बैंक में 13000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। चोकसी 2018 में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का मामले सामने आने से कुछ वक्त पहले ही भारत से भाग गया था। वह एंटीगुआ चला गया। यहां पर उसने नागरिकता हासिल कर ली।

2021 में चोकसी को डोमिनिका में अवैध तौर पर घुसने के लिए गिरफ्तार किया गया था। चोकसी के वकीलों ने डोमिनिकन कोर्ट को बताया कि उसे इलाज के लिए एंटीगुआ लौटने की जरूरत है और भरोसा दिया कि वह बाद में मुकदमे का सामना करने के लिए वापस आएगा। 51 दिनों की जेल के बाद चोकसी को ब्रिटिश क्वीन की प्रिवी काउंसिल से राहत मिली। वह एंटीगुआ वापस चला गया। बाद में डोमिनिकन गणराज्य में उसके खिलाफ आरोप हटा दिए गए। सीबीआई और ईडी ने इस दौरान उस पर नजर रखी। पिछले साल उन्हें पता चला कि वह बेल्जियम में है और उन्होंने तुरंत वहां की एजेंसियों को जानकारी दी। जानें 13000 करोड़ के घोटाले में अब तक क्या-क्या हुआ