जम्मू-कश्मीर के उरी स्थित आर्मी कैम्प में पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा किए गए हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। जहां भारत पाकिस्तान को आर्थिक और कूटनीतिक तौर पर दुनिया में अलग-थलग करने की कवायद जारी रखे हुए है वहीं पाकिस्तान युद्ध अभ्यास में लिप्त बताया जा रहा है। टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान के जैसलमेर के निकट अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 15-20 किलोमीटर दूर पाकिस्तानी वायु सेना और थल सेना अपनी अब तक सबसे बड़ी कोर लेवल ज्वाइंट वार गेम एक्सरसाइज कर रहे हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस अभ्यास में पाकिस्तानी थल सेना के 15 हजार जवान और पाकिस्तानी वायु सेना के 300 जवान हिस्सा ले रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार 22 सितंबर से शुरू हुआ ये युद्ध अभ्यास 30 सितंबर तक चलेगा। रिपोर्ट के अनुसार भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने भी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अपनी निगरानी बढ़ा दी है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तानी सेना के उच्च अधिकारी भी इस युद्ध अभ्यास का जायजा लेने पहुंच रहे हैं। अखबार ने सूत्रों के हवाला से बताया है कि पाकिस्तानी के 5 कोर, कराची, 2 स्ट्राइक कोर, मुल्तान और 205 ब्रिगेड इस युद्ध अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं। पाकिस्तानी सेना इस युद्ध अभ्यास में नए हथियारों का परीक्षण करने के साथ ही नए तरह से मोर्चा बनाने और अंदरूनी इलाकों में हमले का बचाव करने का अभ्यास कर रहे हैं। सूत्रों ने अखबार को बताया कि इलाके में युद्धक विमानों और टैंक ब्रिगेड की हलचल भी महसूस की गई। इससे पहले खबर आई थी कि पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में एफ-16 विमानों को सड़क पर उतारा था। इस कार्रवाई को युद्ध अभ्यास के तौर पर देखा गया। खबरों के अनुसार पाकिस्तान ने अपनी नौ सेना और वायु सेना को हाई अलर्ट पर रखा हुआ है।
Read Also: नरेंद्र मोदी की मुहिम पर नवाज शरीफ को लगा और बड़ा झटका- पाकिस्तान में नहीं होगा सार्क सम्मेलन
18 सितंबर को हुए उरी हमले में 18 भारतीय जवान मारे गए थे। एक घायल जवान की अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। हमले के बाद से भारत पर पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने का काफी दबाव है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से जुड़े कई नेताओं समेत सोशल मीडिया पर कई लोग पाकिस्तान पर सीधी कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले के बाद कहा था कि दोषियों को इसकी सजा मिलेगी। हालांकि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारतीय सेना के उच्च अधिकारियों ने पीएम मोदी को तुरंत सीधी जवाबी कार्रवाई न करने की सलाह दी थी। सैन्य अधिकारियों के अनुसार भारत को अपनी सुविधा के अनुसार कार्रवाई का तरीका और समय चुनना चाहिए।
Read Also:नरेंद्र मोदी अभी संयम बरत रहे हैं, मगर पाकिस्तान इसे हल्के में लेने की गलती न करे: अमेरिकी अखबार