भारत से विवाद के बाद मालदीव की आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है। मालदीव की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई है कि वहां के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को अपनी सैलरी में कटौती का ऐलान करना पड़ा है। मालदीव में सरकारी कर्मचारियों को सैलरी देने के पैसे नहीं है। इसलिए मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपनी सैलरी में 50 फ़ीसदी की कटौती का ऐलान किया है।
मालदीव की आर्थिक आय का सबसे बड़ा सोर्स टूरिज्म
दरअसल मालदीव की आर्थिक आय का सबसे बड़ा सोर्स उसका टूरिज्म है। जब से भारत के साथ उसका विवाद हुआ, उसके बाद से ही इस बिजनेस पर काफी असर पड़ा है। इससे मालदीव की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। कर्ज के संकट को रोकने के लिए मौजूदा सरकार लगातार कड़े फैसले ले रही है। ज्यादातर सरकारी नौकरियों में भी सैलरी में 10 फीसदी की कटौती की जा रही है।
मालदीव के राष्ट्रपति की सालाना सैलरी अभी करीब 65 लाख रुपये है लेकिन अब यह 32 लाख 86 हजार रुपये हो जाएगी। हालांकि अभी तक सांसदों और जजों की सैलरी में कटौती का ऐलान नहीं किया गया है। हालांकि उनके ऑफिस ने कह दिया है कि जो भी सांसद और जज अपनी सैलरी में कटौती करवाना चाहते हैं, वह ऐसा कर सकते हैं। सरकार को उम्मीद है कि लोग खुद से आगे आएंगे और राष्ट्र पर आए संकट को निपटने में मदद करेंगे।
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कई मंत्रियों को किया बर्खास्त
हाल ही में राष्ट्रपति ने खर्च को कम करने के लिए कई मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया था। इसके अलावा कई राजनीतिक नियुक्तियों को भी रद्द कर दिया गया था। मालदीप राष्ट्रपति ने 7 राज्य मंत्री, 43 डिप्टी मिनिस्टर और 178 राजनीतिक निदेशकों को बर्खास्त किया था।
सरकार को उम्मीद है कि इससे 3,70,000 डॉलर की बचत होगी। मालदीव सरकार ने सितंबर में ही कहा था कि उसकी वित्तीय दिक्कतें कुछ समय के लिए ही है। वह आईएमएफ से कोई मदद नहीं लेना चाहता।