मालदीव ने जब से भारत से पंगा लिया है, जिस तरह से यहां की संस्कृति का मजाक बनाया है। अब उस रवैये के बीच उसे लगातार झटके मिलते जा रहे हैं। पहले तो भारतीय पर्यटकों ने मालदीव का बॉयकॉट किया, अब बताया जा रहा है कि उन्हीं पर्यटकों ने अपने लिए नया विकल्प भी खोज निकाला है। ये विकल्प कोई और नहीं श्रीलंका है। भारत का ही पड़ोसी देश अब पर्यटकों का पसंदीदा देश बन गया है।
अब ऐसा नहीं है कि ये बात बिना किसी तथ्य के कही जा रही हो। मालदीव की ही एक रिपोर्ट बताती है कि इस साल जनवरी में जितने पर्यटक मालदीव नहीं आए, उससे कहीं ज्यादा श्रीलंका चले गए। वहां भी इस मामले में लीड लेने का काम भारतीय पर्यटकों ने किया जिन्होंने पहले अपनी मालदीव टिकट कैंसिल कर मुइज्जू सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाया है, तो वहीं बाद में श्रीलंका जाकर उसको तगड़ी मिर्ची भी लगाई।
आंकड़े बताते हैं कि जनवरी महीने में श्रीलंका में भारत से 2 लाख 8 हजार टूरिस्ट गए हैं। वहीं उसी महीने मालदीव के लिए सिर्फ 1 लाख 92 हजार टूरिस्ट पहुंचे। एक आंकड़ा तो ये भी कहता है कि श्रीलंका में भारतीय पर्यटकों की संख्या में 100 फीसदी तक का उछाल आ चुका है। बड़ी बात ये है कि ये ट्रेंड तब दिख रहा है जब पूरे देश में मालदीव के खिलाफ माहौल बन रहा है। इसी वजह से मालदीव के लिए ये ज्यादा बड़ा झटका भी है क्योंकि भारत ने अपना दूसरा विकल्प खोज लिया है।
वैसे भारत से तो पर्यटत श्रीलंका जा ही रहे हैं, रूस, चीन, ब्रिटेन, जर्मनी से भी बड़ी संख्या में पर्यटक वहां जा रहे हैं। यानी कि कुछ ही समय में पर्यटकों की नई पसंद के रूप में श्रीलंका उभरकर सामने आया है।