Luna-25 Crashed: रूस के अंतरिक्ष मिशन के लिए बुरी खबर सामने आई है। रविवार को उसका मिशन लूना-25 स्पेसक्राफ्ट चांद से टकराकर क्रैश हो गया। अधिकारियों का कहना है कि रूस का लूना-25 अंतरिक्ष यान अनियंत्रित कक्षा में घूमने के बाद चंद्रमा से टकराकर क्रैश हो हुआ है। इससे पहले शनिवार को ही खबर आई थी कि रूस के मून-मिशन लूना-25 में लैंडिंग से पहले तकनीकी खराबी आ गई है। 21 अगस्त को इसकी चांद पर सॉफ्ट लैंडिग होनी थी।
रूस की स्पेस एजेंसी ROSKOSMOS ने जानकारी देते हुए बताया कि रविवार को उसका लूना-25 स्पेसक्राफ्ट चांद से टकराकर क्रैश हो गया। उसका फिलहाल कुछ अता-पता नहीं चल रहा है। यह रूस का पिछले 47 साल में पहला मून मिशन था। लूना-25 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी, लेकिन लैंडिंग से पहले की कक्षा में प्रवेश करते समय कुछ समस्याओं का सामना करने के बाद यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
ROSKOSMOS ने एक दिन पहले बताया था कि लैंडिंग से पहले ऑर्बिट बदलते वक्त आसामान्य स्थिति आ गई, जिस वजह से लूना-25 ठीक ढंग से ऑर्बिट बदल नहीं सका। स्पेस एजेंसी ने बताया कि विशेषज्ञ अचानक आई दिक्कत से निपटने में फिलहाल असफल रहे। वे लगातार इस पर काम कर रहे हैं। अंतरिक्ष यान चंद्रमा के एक हिस्से का पता लगाने के मिशन के हिस्से के रूप में सोमवार को उतरने वाला था जिसके बारे में वैज्ञानिकों का मानना था कि यह जमे हुए पानी का पता लगा सकता है।
लूना-25 को 10 अगस्त को रूस के सुदूर पूर्व में वोस्तोचन कोस्मोड्रोम से लॉन्च किया गया था। स्पेसपोर्ट रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक महत्वकांक्षी परियोजना है और रूस को एक अंतरिक्ष महाशक्ति बनाने और कजाकिस्तान में बैकोनूर कोस्मोड्रोम से रूसी प्रक्षेपणों को स्थानांतरित करने के उनके प्रयासों की कुंजी है। इस सप्ताह की शुरुआत में चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद यह चंद्रमा की परिक्रमा कर रहा था।
रूस के लूना- 25 के क्रैश होने के बाद अब दुनिया की उम्मीदें भारत के चंद्रयान-3 से हैं। बता दें, भारत के चंद्रयान-3 का 3 विक्रम लैंडर अब चांद से सिर्फ 25 किलोमीटर दूर है। चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने 17 अगस्त 2023 को प्रोपल्शन मॉड्यूल को छोड़ दिया था। 18 अगस्त की दोपहर से पहले विक्रम लैंडर और प्रोपल्शन मॉड्यूल 153 km x 163 km की ऑर्बिट थे, लेकिन करीब 4 बजे दोनों के रास्ते बदल गए। इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-3 आने वाले 23 अगस्त को करीब 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा पर लैंड कर सकता है।
बता दें, 1976 में तत्कालीन सोवियत संघ के लूना 24 की लैंडिंग के बाद से केवल चीन चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान उतारने में सक्षम रहा है – क्रमशः 2013 और 2018 में चांग’ई 3 और चांग’ई 4। वहीं भारत और रूस दोनों अपनी पहली सॉफ्ट लैंडिंग करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन रूस का लूना-25 क्रैश हो गया।