Lalit Modi in Vanuatu: भारत में वित्तीय अपराधों के चलते ललित मोदी को भगोड़ा करार दिया गया है और ललित मोदी ने प्रशांत महासागर के वनुआतु की नागरिकता प्राप्त कर ली है। बता दें कि प्रशांत क्षेत्र में कई द्वीप हैं। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को पुष्टि की है कि भगोड़े पूर्व IPL प्रमुख ललित मोदी ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना पासपोर्ट करने के लिए आवेदन किया है।
बता दें कि ललित मोदी वानुअतु की नागरिकता खरीदने वाले पहले व्यक्ति नहीं होंगे। देश में निवेश द्वारा नागरिकता या “गोल्डन पासपोर्ट” कार्यक्रम बेहद लोकप्रिय है, जो कि पैसे वाले व्यक्तियों को प्रभावी रूप से अपना पासपोर्ट खरीदने की अनुमति देता है। वानुआतु के बारे में कुछ अहम बाते जानना भी जरूरी है।
1- 83 छोटे ज्वालामुखी द्वीपों से मिलकर बना है वानुआतु
83 छोटे ज्वालामुखी द्वीपों से मिलकर बने वानुअतु में केवल 65 लोग ही रहते हैं। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व और न्यूज़ीलैंड के उत्तर में स्थित है। इसके सबसे उत्तरी और दक्षिणी द्वीप 1,300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं, जो कि दिल्ली और कोलकाता के बीच की सीधी दूरी के बराबर है। देश का कुल भू-क्षेत्र करीब 12,199 वर्ग किलोमीटर है, जो कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (8,249 वर्ग किलोमीटर) से लगभग डेढ़ गुना है। वानुअतु के केवल 14 द्वीपों का क्षेत्रफल 100 वर्ग किलोमीटर से अधिक है।
देश की राजधानी पोर्ट विला, इफेट द्वीप पर स्थित है, जो लगभग 900 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल के साथ वानुअतु का तीसरा सबसे बड़ा द्वीप है। इतना ही नहीं, पोर्ट विला वानुअतु का सबसे बड़ा शहर भी है, जिसकी जनसंख्या 2020 की जनगणना के अनुसार 49,034 है। यह ऑस्ट्रेलिया के केर्न्स से 2,394 किलोमीटर पूर्व में स्थित है।
2- कैसा बना था वानुआतु देश
वानुअतु में कई सक्रिय ज्वालामुखी हैं, जिनमें से कुछ पानी के नीचे स्थित हैं। यहां की ज्वालामुखीय संबंधित गतिविधियां हमेशा ही लोगों के खतरा बनी रहती हैं। पिछले 10,000 वर्षों में दुनिया में सबसे बड़े ज्वालामुखी विस्फोटों में से एक लगभग 1,450 ई. में वानुअतु में हुआ था, जो इफेट से लगभग 100 किमी उत्तर में है। इसे टॉम्बुक विस्फोट के रूप में जाना जाता है, इसने कुवे द्वीप को नष्ट कर दिया, और दो छोटे द्वीपों – एपी और टोंगोआ का निर्माण किया था।
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वैज्ञानिक इस विस्फोट को वायुमंडल में सल्फेट्स की एक बड़ी वृद्धि से जोड़ते हैं, जिसका प्रमाण ध्रुवीय बर्फ में दर्ज किया गया है। तन्ना के दक्षिणी द्वीप पर स्थित यासुर दुनिया के सबसे सुलभ सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है। यह पिछले 800 सालों से लगातार फट रहा है, जिससे आसमान में राख और धुएं के गुबार उठते हैं और समय-समय पर इसकी ढलान से लावा निकलता रहता है।
3- वानुआत का कैसा है राजनीति
वानुआतु की जनसंख्या की बात करें तो 2020 की जनगणना के अनुसार, वानुअतु की जनसंख्या 300,019 थी। 2009 और 2020 के बीच औसत वार्षिक जनसंख्या वृद्धि 2.3% थी, और 2020 में जनसंख्या घनत्व 24 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी था, जो 2011 में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (46) के अनुमानित जनसंख्या घनत्व का लगभग आधा था।
2020 की जनगणना के अनुसार, यहां के 93 प्रतिशत लोग ईसाई ही थे।। प्रोटेस्टेंट की आबादी 75% थी, जिसमें प्रेस्बिटेरियन चर्च देश का सबसे बड़ा धार्मिक संप्रदाय था। देश की आबादी एक समान है, जिसमें 99% लोग नी-वानुअतु के हैं, जो मेलानेशियन जातीय समूहों से संबंधित है। यहां की राष्ट्रीय भाषा बिस्लामा है। इसके अलावा फ्रेंच और अंग्रेजी भी आधिकारिक भाषाएं हैं।
4- क्या है वानुआतु का इतिहास?
इन द्वीपों पर सबसे पहले लगभग 3,000 साल पहले उत्तरी फिलीपींस की लापिता संस्कृति के लोग रहते थे। हालांकि, समय के साथ, लापिता लोगों ने अपनी सांस्कृतिक एकता खो दी, क्योंकि समुदाय स्थानीय रूप से विकसित हुए, जो सैकड़ों किलोमीटर समुद्र से अलग हो गए। स्पेनिश ताज के लिए नाव से पुर्तगाली रिसर्चर पेड्रो फर्नांडीस डी क्विरोस 1606 में वानुअतु के तट पर पहुंचने वाले पहले यूरोपीय थे। वह एस्पेरीटो सैंटो में लगभग एक महीने तक रहे, जिसके दौरान उन्होंने वहां के निवासियों के साथ शत्रुतापूर्ण व्यवहार की सूचना दी।
साल 1764 में ब्रिटिश खोजकर्ता जेम्स कुक ने इन द्वीपों की बड़े पैमाने पर खोज की, जिन्होंने इन्हें न्यू हेब्रिड्स नाम दिया। यह नाम 1980 तक कायम रहा। 19वीं सदी तक, फ्रांसीसी और ब्रिटिश बसने वाले और मिशनरी यहां आने लगे, लेकिन लगभग एक सदी तक किसी भी देश ने आधिकारिक तौर पर इन द्वीपों को उपनिवेश के रूप में दावा नहीं किया।
5- कैसे चलती है वानुआतु की अर्थव्यवस्था?
वानुआतु की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार वानुअतु की अर्थव्यवस्था मुख्यतः जीविका या लघु-स्तरीय कृषि पर आधारित है, जो 65% आबादी का जीवन यापन करने अहम है। इसके अलावा नारियल की खेती खोपरा के लिए की जाती है, इसके सफेद गूदे से तेल निकाला जाता है। इसके अलावा काली मिर्च सरीखा कावा भी यहां खूब प्रचलित है। जिसका उपयोग शामक, संवेदनाहारी और हल्के उत्साहवर्धक गुणों वाले आम तौर पर पिए जाने वाले पेय बनाने के लिए किया जाता है, यह दूसरी प्रमुख फसल है। अन्य अंतरराष्ट्रीय खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।