पाकिस्तान ने लाहौर में तालिबान के खतरनाक आत्मघाती बम विस्फोट के बाद सोमवार (28 मार्च) को पंजाब प्रांत में एक व्यापक सैन्य अभियान शुरू करते हुए छापेमारी की और कई गिरफ्तारियां की। गुप्तचर एजेंसियों ने सेना एवं रेंजर्स कर्मियों के साथ मिलकर देश के सबसे अधिक जनसंख्या वाले पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों में श्रृंखलाबद्ध अभियान चलाया। एक दिन पहले ही एक लोकप्रिय पार्क में हुए आत्मघाती विस्फोट में 72 लोग मारे गए थे। मारे गए लोगों में अधिकतर महिलाएं एवं बच्चे थे।
सेना की मीडिया इकाई ‘इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस’ (आईएसपीआर) महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल असीम बाजवा ने कहा, ‘‘लाहौर में आत्मघाती विस्फोट के बाद लाहौर, फैसलाबाद और मुल्तान में पांच छापों के दौरान कई संदिग्ध आतंकवादी एवं उनके सहयोगी गिरफ्तार किये गए हैं।’’ उन्होंने यद्यपि आधिकारिक रूप से यह नहीं बताया कि देश के उत्तरपश्चिम एवं कराची में जारी अभियान की तरह ही एक व्यापक अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा अधिकारियों ने ‘‘बड़ी मात्रा में हथियार एवं गोली बारूद का जखीरा’’ भी बरामद किया है। पंजाब प्रांत के दक्षिणी हिस्से में आतंकवादियों के ठिकाने होने के चलते वहां एक सैन्य अभियान शुरू करने की मांग हो रही थी।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और सेना प्रमुख राहील शरीफ ने स्थिति की समीक्षा करने के लिए अलग अलग उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठकों की अध्यक्षता की तथा सेना एवं रेंजर्स सहित कानून प्रवर्तन एजेंसियों को पंजाब प्रांत में एक व्यापक अभियान शुरू करने का निर्देश दिया।
पुलिस ने भी लाहौर आत्मघाती हमलावर की पहचान यूसुफ के तौर पर की है, जो दक्षिणी पंजाब में मुजफ्फरगढ़ निवासी गुलाम फरीद का पुत्र है। उसके बारे में माना जा रहा है कि वह 20 से 25 वर्ष का था। प्रत्यक्षदर्शियों की मदद से उसका एक स्केच तैयार किया गया है जिसमें उसे दाढ़ी के साथ दिखाया गया है। बैठक के दौरान शरीफ को कानून प्रवर्तन एवं गुप्तचर एजेंसियों के प्रमुखों ने रविवार (27 मार्च) को पार्क में हुए विस्फोट के बारे में मिले सुराग पर मिली प्रगति के बारे में जानकारी दी।